यह भी पढ़ेंः योगी की पुलिस का काम किया ग्रामीणों ने, कुख्यात उधम सिंह के तीन शूटरों ने मांगी रंगदारी तो किया यह हाल दो दिन पहले ही परिवार समेत आया था सरबजीत किला परीक्षिगढ़ थाना के गांव बढ़ला गांव निवासी सरबजीत दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल था। उसके पिता रिटायर्ड फौजी हरजीत गांव में ही रहते हैं। वह दो दिन पहले दिल्ली से परिवार सहित गांव आया था। रविवार की सुबह वह अपनी पत्नी संगीता और तीन बच्चों के साथ खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव कबट्टा में बने नए गुरुद्वारे की स्थापना समारोह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गया था। कार्यक्रम में शामिल होकर वह दोपहर बाद करीब 6 बजे अपने गांव लौट रहा था। इसी दौरान जब वह बावनपुरा के जंगल से निकल रहा था तभी रोड पर बाइक सवार तीन बदमाशों ने सरबजीत की कार को रोकने का प्रयास किया। सरबजीत ने मौका भांप लिया और कार न रोककर उसकी स्पीड तेज कर दी। बदमाशों ने कार के शीशे को डंडा मारकर तोड़ दिया। कार अनियंत्रित होकर खेत में घुस गई। इसी बीच सरबजीत को बदमाशों ने गोली मार दी। राहगीरों ने सरबजीत को मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ेंः ये तांत्रिक काला जादू के नाम पर करते थे लाखों की ठगी, गुजरात पुलिस ने जब इनके कारनामे खोले तो सभी रह गए दंग गुस्साए ग्रामीणों ने मेरठ-हापुड़ हाइवे पर जाम लगाया घटना की जानकारी जब कबट्टा और बढ़ला के ग्रामीणों को लगी तो वे घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने मेरठ-हापुड़ रोड पर स्थित गांव कैली पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे एसपी देहात राजेश कुमार व सीओ चक्रपाणि त्रिपाठी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने जाम खोलने से इनकार कर दिया। ग्रामीण मौके पर आलाधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों के उग्र होते रूप को देखकर पुलिस ने सड़क पर आने जाने वाले वाहनों को कई किमी पहले ही रोक दिया। समाचार लिखे जाने तक जाम जारी था।