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मेरठ

फर्जी लोन मामले में बैंक अफसरों और सीए को आरोपी बनाएगी सीबीआई

राजस्नेह ग्रुप के चारों निदेशकों ने पंजाब नेशनल बैंक की स्पोर्ट्स कांप्लेक्स शाखा से 20 करोड़ 18 लाख का लोन मोहकमपुर स्थित वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स फर्म के नाम से कराया था।

मेरठSep 07, 2021 / 11:25 am

Nitish Pandey

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मेरठ. सीबीआई की गिरफ्त में आए राजस्नेह ग्रुप के निदेशकों पर शिकंजा कस गया है। चारों निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी से फर्जी लोन लेने और बैंक के साथ फ्रॉड करने का केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। सीबीआई ने इस मामले में राजस्नेह ग्रुप के चारों डायरेक्टरों सहित कंपनी के सीए और बैंक अफसरों को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर ली है।
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20 करोड़ का लिया था लोन

चारों निदेशकों ने पंजाब नेशनल बैंक की स्पोर्ट्स कांप्लेक्स शाखा से 20 करोड़ 18 लाख का लोन मोहकमपुर स्थित वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स फर्म के नाम से कराया था। लोन की यह रकम 2013 से 2017 के बीच ली गई थी। रकम राजस्नेह, कंपनी के सीए और निदेशक अशोक जैन के खाते में ट्रांसफर की गई थी। इसके तुरंत बाद वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स के नाम से दूसरे बैंक में खाता खोलकर ये धनराशि उसमें स्थानांतरित कर दी गई ताकि बैंक की इस रकम पर नजर न रहे।
सीबीआई ने की छापेमारी

बता दें कि बीते शुक्रवार को सीबीआई की चार टीमों ने राजस्नेह ग्रुप के ठिकानों और उनके आवास पर छापेमारी की थी। छापेमारी तीनों निदेशकों अशोक जैन, राजेश जैन और निदेशक मनोज गुप्ता आवास पर एक साथ की गई थी। चौथी टीम ने राजस्नेह ग्रुप से हटाए गए अनिल जैन के घर पर छापेमारी की थी। चारों टीमों ने सुबह आठ बजे से देर शाम तक सभी निदेशकों के आवास पर दस्तावेज खंगाले थे। सीबीआई की छापेमारी के बाद हुई जांच में सामने आया कि अशोक जैन, राजेश जैन, मनोज गुप्ता और अनिल जैन ने मोहकमपुर स्थित वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स फर्म के नाम से 20 करोड़ 18 लाख का लोन कराया था।
इस तरह से राजस्नेह बंधुओं ने किया फर्जीवाड़ा

आठ फरवरी 2013 को पंजाब नेशनल बैंक ने वर्धमान रोलर फ्लोर मिल्स का लोन आठ करोड़ 40 लाख से बढ़ाकर 11 करोड़ 40 लाख कर दिया। उसी दिन इस रकम को कंपनी के खाते से एचडीएफसी बैंक के एक खाते में निकलवा लिया गया। पांच जून 2014 में फर्म का लोन 11 करोड़ 40 से बढ़ाकर 17 करोड़ 40 लाख कर दिया। उसी दिन कंपनी के खाते से तीन करोड़ की रकम राजस्नेह को दे दी गई। इसके 21 दिन बाद ढाई करोड़ की रकम वर्धमान कंपनी के सीए के खाते में स्थानांतरण कर दी गई।
राजस्नेह ग्रुप के खाते में भी रकम की गई थी ट्रासंफर

कंपनी ने 26 सितंबर 2016 को चार करोड़ का लोन और बढ़वा दिया। तब दूसरे बैंक में वर्धमान कंपनी का खाता खोलकर उसी दिन एक करोड़ 65 लाख की रकम निकाली गई। राजस्नेह के खाते में भी दो करोड़ तीस लाख की रकम ट्रांसफर की गई। 20 अप्रैल 2017 को फिर एचओडी लिमिट बनाकर तीन करोड़ का लोन बढ़ाया गया। दो करोड़ 80 लाख की रकम राजस्नेह कंपनी के खाते में स्थानांतरण कर ली गई। 12 अक्टूबर 2017 को एसओडी लिमिट के द्वारा एक करोड़ का फिर लोन लिया, जिसमें से 95 लाख की रकम अशोक जैन के खाते में ट्रांसफर की गई।

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