यह भी पढ़ेंः 100 करोड़ के कर्जदार की सम्पत्ति की नीलामी इतने में हुर्इ कि किसी का भी कर्जा नहीं उतर सकता! यह भी पढ़ेंः हत्या करने के बाद छुपने जा रहे थे, योगी की पुलिस ने धर दबोचा कारोबारी को एेसे मिली यह चिट्ठी किठौर के हसनपुर निवासी विपिन आैर अंकित कंसल का कंसल ट्रेडर्स व कंसल टैंट हाउस के नाम से व्यवसाय है। वे परिवार केे साथ मेरठ में रहते हैं। बताते हैं कि शनिवार की शाम प्रतिष्ठान पर विपिन के बेटे निकुंज व राेहित बैठे हुए थे। यहां उनका नौकर भी था। बताते हैं कि बाइक पर हेल्मेट व कपड़ा लगाए एक व्यक्ति आया आैर नौकर को एक लिफाफा देते हुए बोला कि अपने मालिक को दे देना। नौकर ने यह लिफाफा निकुंज को दे दिया। जब उसने खोलकर इसे पढ़ा, तो वहां हड़कंप मच गया।
यह भी पढ़ेंः बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू की यह सुविधा ‘लाल कपड़ा लगाकर रखना’ दरअसल, इस लिफाफे में एक चिट्ठी थी आैर इसके साथ 315 बोर का जिंदा कारतूस भी था। चिट्ठी में लिखा था- मैं मोनू जाट, सेठ मुझे 20 पेटी की जरूरत आन पड़ी है, पुलिस को मत बताना, पुलिस हर समय साथ नहीं रहती, नहीं तो तेरे दोनों बेटों का काम खत्म हो जाएगा। तेेरे पास दिन का समय है। पैसा गांव के बाहर एक प्लाॅट के पास गड्ढे में रखने की बात इस चिट्ठी में लिखी है। साथ ही दुकान के बाहर लाल कपड़ा लगाने की बात कही गर्इ, जिससे वे समझ जाएं कि पैसा मिल जाएगा। इस चिट्ठी के मिलने के बाद कारोबारी परिवार के लोग दहशत में हैं। अन्य व्यापारियों के साथ उन्होंने किठौर पुलिस को इसकी सूचना दी। एसआे किठौर इसकी जांच कर रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः छह मई 1857 को लिख गई थी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की पटकथा कुख्यात माेनू आैर सुमित जाट जेल में बंद वेस्ट यूपी में हत्या, लूट व रंगदारी मामले में कुख्यात मोनू आैर सुमित जाट इस समय जेल में है। इन दोनों के नाम से पहुंची चिट्ठी के बाद से व्यापारी वर्ग में हड़कंप मच गया है। मोनू आैर सुमित जाट वही है, जिनका नाम हत्या के गवाहों का एेलानिया कत्ल में आ रहा था। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने कहा है कि इस मामले की जांच की जा रही है आैर जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी।