कानपुर की घटना के विरोध में ब्राह्मण समाज का पैदल मार्च, डीएम ऑफिस का घेराव
इसके अलावा ट्यूबवेल पर मीटर लगाने के लिए पुलिस द्वारा धमकाया जाने और आवारा पशुओं द्वारा फसल नष्ट किए जाने से काफी परेशान है।पुलिस से हुई नोकझोंक
डीएम ऑफिस में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ घुसने को लेकर किसान और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। इतना ही नहीं धरना स्थल पर हुक्का जलाने को लेकर पुलिस ने नाराजगी जताई। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी की।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि प्रदेश में किसानों का उत्पीड़न हो रहा है। न तो किसानों को उनके गन्ने का भाव दिया जा रहा है और न ही पुराने गन्ने के बकाए का भुगतान हो रहा है।
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उन्होंने कहा कि आवारा गोवंश ने किसानों की फसल नष्ट कर दी हैं। किसान भुखमरी के कगार पर आ गया है। उन्होंने आरोप लगाए कि प्रशासन किसानों की ट्यूबेल पर मीटर लगाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहा है।
भाकियू कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस किसानों को फर्जी मुकदमे लगाने की धमकी देकर डरा धमका रही है। उन्होंने कहा कि हम किसी सरकार के खिलाफ नहीं हैं लेकिन किसान अपने हक की लड़ाई जरूर लड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज जिला प्रशासन ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो कमिश्नरी पर किसानों की महापंचायत होगी। जिसमें भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचेंगे।
भाजपा सरकार के लिए किसान कोई अहमियत नहीं रखते हैं। यही कारण है कि सरकार गन्ने का मूल्य घोषित नहीं कर रही है। यह भी पढ़ें : गन्ना मिल बंद होने की स्थिति में है लेकिन अभी तक भी किसानों के हित में कोई कार्य नहीं किया गया है। धरना प्रदर्शन करने वालों में काफी किसान मौजूद रहे।