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मेरठ

Weather Update Today वायु प्रदूषण और स्मॉग से NCR में सांस लेना मुश्किल, स्कूलों को बंद करने की मांग

Today Weather वायु प्रदूषण और स्मॉग से मेरठ एनसीआर के हालात बेहद खराब हो गए हैं। हालात ये है कि शाम के समय वायु गुणवत्ता सूचकांक के घातक स्तर पर पहुंचने से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। मेरठ में एक्यूआई यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के ऊपर पहुंच गया है तो वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद और नोएडा के भी हालात काफी खराब हैं। गाजियाबाद में एक्यूआई 350 के ऊपर पहुंच चुका है। नोएडा में भी यहीं हालात हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से अभिभावकों ने अब स्कूल बंद करने की मांग है।

मेरठNov 02, 2022 / 09:12 am

Kamta Tripathi

Weather Update Today वायु प्रदूषण और स्मॉग से NCR में सांस लेना मुश्किल, स्कूलों को बंद करने की मांग

Today Weather Air Quality Index वायु प्रदूषण और स्मॉग से एनसीआर के हालात बेहद खराब हो गए हैं। वायु प्रदूषण और स्मॉग से इस समय लोगों का सास लेना मुश्किल हो रहा है। वायु प्रदूषण के चलते लोगों की सांसे फुला रही है और आंखों के लिए परेशानी पैदा कर रही है। वातावरण में फैली जहरीली गैंसे और स्मॉग की चादर मेरठ ही नहीं एनसीआर के अन्य जिलों में भी फैली हुई है। जिससे लोगों को दिन में सांस संबंधी परेशानी,आंखों में जलन,फेफड़ों में संक्रमण, गले में परेशानी, घबराहट, सिरदर्द, तनाव और चिड़चिड़ापन की बीमारी घेर रही है। इस समय मेरठ और एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी काफी खराब स्तर पर पहुंच गया है।
मेरठ में AQI 300 के पार है। तो वहीं गाजियाबाद और नोएडा में स्थिति काफी भयावह हो गई है। इस समय गाजियाबाद और नोएडा का एक्यूआई 350 से अधिक है। बता दें कि दिवाली से लगातार वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब हो रही है। पिछले 15 दिनों में तीन बार जिले का AQI 300 से अधिक पर पहुंच चुका है। अक्टूबर माह में कई बार ये 200 के स्तर को भी पार गया। जिसके चलते जहरीली हवाओं ने लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचने का काम किया। हालात ऐसे ही रहे तो ये सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले दो दिन से 250 से 300 के बीच है। आशंका है कि आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स Air Quality Index अभी और अधिक पहुंच सकता है। इस लिहाज से सावधान रहने की जरूरत है।

मौसम विज्ञानी डा0 एन सुभाष की माने तो जब ठंडी हवा भीड़भाड़ वाली जगह पर पहुंचती है तब स्मॉग बनता है। इस स्मॉग Smog में पानी की बूंदों के साथ धूल और हवा में मौजूद जहरीले तत्वों नाइट्रोजन ऑक्साइड और ऑर्गेनिक कंपाउंड की अधिकता होती है। जो वातावरण में नीचे की तरफ एक गहरी परत बना लेती हैं। ठंड के शुरूआती दिनों में सड़कों पर ट्रैफिक और तापमान के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। इस दौरान हवा की गति भी कम होती है। वाहनों का धुआं और धुंध एक जगह स्थिर होकर स्मॉग smog बन जाती है। यह प्रदूषण को और अधिक प्रदूषित करने का काम करती है। इससे दृश्यता भी बाधित होती है और पर्यावरण भी अस्त-व्यस्त हो जाता है।

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