मेरठ में AQI 300 के पार है। तो वहीं गाजियाबाद और नोएडा में स्थिति काफी भयावह हो गई है। इस समय गाजियाबाद और नोएडा का एक्यूआई 350 से अधिक है। बता दें कि दिवाली से लगातार वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब हो रही है। पिछले 15 दिनों में तीन बार जिले का AQI 300 से अधिक पर पहुंच चुका है। अक्टूबर माह में कई बार ये 200 के स्तर को भी पार गया। जिसके चलते जहरीली हवाओं ने लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंचने का काम किया। हालात ऐसे ही रहे तो ये सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले दो दिन से 250 से 300 के बीच है। आशंका है कि आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स Air Quality Index अभी और अधिक पहुंच सकता है। इस लिहाज से सावधान रहने की जरूरत है।
मौसम विज्ञानी डा0 एन सुभाष की माने तो जब ठंडी हवा भीड़भाड़ वाली जगह पर पहुंचती है तब स्मॉग बनता है। इस स्मॉग Smog में पानी की बूंदों के साथ धूल और हवा में मौजूद जहरीले तत्वों नाइट्रोजन ऑक्साइड और ऑर्गेनिक कंपाउंड की अधिकता होती है। जो वातावरण में नीचे की तरफ एक गहरी परत बना लेती हैं। ठंड के शुरूआती दिनों में सड़कों पर ट्रैफिक और तापमान के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। इस दौरान हवा की गति भी कम होती है। वाहनों का धुआं और धुंध एक जगह स्थिर होकर स्मॉग smog बन जाती है। यह प्रदूषण को और अधिक प्रदूषित करने का काम करती है। इससे दृश्यता भी बाधित होती है और पर्यावरण भी अस्त-व्यस्त हो जाता है।