वृक्षारोपण के अंतर विभागीय जांच की सूचना के संबंध में उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण हेतु विभागों को शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसका स्थलीय सत्यापन जनपद स्तरीय विभाग द्वारा किया जाना है, जिसमें सिर्फ परिवहन विभाग का सत्यापन औद्योगिक विकास विभाग द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा औद्योगिक विकास विभाग के अंतरविभागीय जांच रिपोर्ट दी गई है, जिसमें जीवित पौधे 80% हैं।
जिला वृक्षारोपण समिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने उक्त प्रगति को देखते हुए नाराजगी व्यक्ति की तथा सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द जियो टैगिंग, वृक्षारोपण की अंतर विभागीय जांच सूचना, वृक्षारोपण की सफलता प्रतिशत रिपोर्ट एवं जियो टैगिंग के कार्यों की प्रगति पूर्ण करते हुए जल्द से जल्द सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
गंगा समिति की समीक्षा में जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को अभियान चलाकर स्वच्छता के प्रति जागरूक करें, जिससे लोग कूड़ों को सही जगह एकत्र करें, अनावश्यक जगहों पर कूड़ा न फेके। जनपद में प्रवाहित हो रही सरयू एवं तमसा नदियों में ठोस एवं द्रव्य अपशिष्ट पदार्थों को प्रभावित न होने के संबंध में नगर पालिका को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए गए कि नदियों के किनारे जैविक खेती किए जाने हेतु किसानों को प्रेरित करें, तथा जनपद में स्थित पकड़ी लाल, ताल रतोय एवं नरजा ताल के संरक्षण एवं व्यापार के उद्देश्य से प्रयुक्त होने वाले खाद्य पदार्थ जैसे मखाना की खेती, सिंघाड़ा एवं मत्स्य पालन कराने को कहा। उन्होंने कहा कि नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने हेतु स्कूलों, कालेजों एवं जन-मानस के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम संबंधित विभाग करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे हो रहे भूमि अतिक्रमण पर विशेष ध्यान देकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तेजी संबंधित विभाग लाए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में बन रहे एमआरएफ सेंटर्स की प्रगति का अवलोकन गंगा समिति के सदस्यों द्वारा अलग-अलग अंतराल पर किया जाएगा, जिसमें कार्य की वर्तमान स्थिति का आकलन और पूर्ण करने की संभावित तिथियां का निर्धारण किया जाएगा। जांच के दौरान कमियां मिली तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही निश्चितरूप से की जाएगी।
बैठक के दौरान उपायुक्त उद्योग राजेश रोमन, जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी एवं समस्त अधिशासी अधिकारी भी उपस्थित रहे।