आपसी सहमति से हो सकता है निदान
इस मामले में कोर्ट अब अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी। माननीय न्यायालय ने मथुरा वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर और यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण पर उसके पहले आपसी सहमति बनाने का मौका दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों के अधिवक्ताओं से कहा कि यह ऐसा मामला है, जिसका मिल बैठ कर आपसी सहमति से इसका निदान किया जा सकता है। इसीलिए कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में बैठ कर सुलह करने का मौका दिया है। महाधिवक्ता कैंप कार्यालय में इसी मुद्दे पर सहमति के लिए सभी पक्षों की आज बैठक बुलाई गई है, जिसकी जानकारी कोर्ट में पेश की जायेगी।
इस मामले में कोर्ट अब अगली सुनवाई चार सितंबर को होगी। माननीय न्यायालय ने मथुरा वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर और यमुना के घाटों के सौंदर्यीकरण पर उसके पहले आपसी सहमति बनाने का मौका दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों के अधिवक्ताओं से कहा कि यह ऐसा मामला है, जिसका मिल बैठ कर आपसी सहमति से इसका निदान किया जा सकता है। इसीलिए कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में बैठ कर सुलह करने का मौका दिया है। महाधिवक्ता कैंप कार्यालय में इसी मुद्दे पर सहमति के लिए सभी पक्षों की आज बैठक बुलाई गई है, जिसकी जानकारी कोर्ट में पेश की जायेगी।
सरकार की ओर से राज्य के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र तथा मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि ने सरकार का पक्ष रखा। बांके बिहारी मंदिर की तरफ से कोर्ट में उपस्थित सेवायतों के अधिवक्ता ने कहा की मंदिर उनका है और मंदिर में मिलने वाला दान पर उनका हक है। सरकार इस पैसे को विकास के नाम पर उनसे नहीं ले सकती। बहरहाल, कोर्ट जनहित याचिकाओं पर आगामी 4 सितंबर को सुनवाई करेगी।