जब इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दोनों बाल बंदियों ने भागने का प्रयास किया था। उनके साथ हुई मारपीट के कारण उनका मेडिकल कराने के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि जो भी कर्मचारी इस मामले में दोषी होगा उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें – AMU के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर संकट, प्रशासन में मचा हड़कंप राजकीय संप्रेक्षण गृह के अधिकारी और कर्मचारी मामले को दबाने में जुटे बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व में भी ऐसे कई मामले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के आ चुके हैं। कर्मचारी जब चाहे जिस बच्चे के साथ मारपीट कर देते हैं। इस बार भी बाल बंदियों के साथ हुई मारपीट को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा था।