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मथुरा

बदहाली पर आंसू बहा रहा वृन्दावन का गोविन्द कुंड

लोगों का कहना है कि नेता लोग केवल वोट मांगने आते हैं सामाजिक कार्य करने की इच्छा से कोई कॉलोनी में नहीं आता।

मथुराDec 11, 2017 / 04:39 pm

अमित शर्मा

मथुरा। विश्व विख्यात धार्मिक नगरी वृंदावन में यूं तो अनेकों प्राचीन मठ मंदिर और तीर्थ स्थल हैं लेकिन गोविंद कुंड नामक पौराणिक तीर्थ स्थल अपने आप में खासा महत्व रखता है मगर वर्तमान में वह सभी प्रकार के प्रदूषणों की वजह से दुर्दशा को प्राप्त है। सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

तत्कालीन नगर पालिका हैं बदहाली के लिए जिम्मेदार

भगवान श्री राधा कृष्ण की लीलाएं ब्रज के वन, उपवन, कुंड, सरोवर और यमुना किनारे हुई है। इसी तरह भगवान की लीला से जुड़ा हुआ एक पौराणिक स्थल है वृन्दावन का प्रसिद्ध गोविन्द कुंड। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि भगवान गोविन्द के नाम से जुड़ा स्थल है यह कुंड। धार्मिक ग्रंथों में मिले उल्लेख के मुताबिक वर्तमान में जयपुर में स्थित ठाकुर श्री गोविंद देव जी महाराज का विग्रह इसी गोविन्द कुंड से प्रकट हुआ था। भगवान गोविंद देव जी की प्रकट स्थली होने के बावजूद यह पौराणिक कुंड आज पूरी तरह से दुर्दशा के आगोश में है। यह कुंड वृंदावन के वार्ड नंबर 44 की गौरा नगर कॉलोनी के अंतर्गत आता है। यहां से यमुना नदी मात्र आधा किलो मीटर दूर है। चारों तरफ से पक्के घाटों से बना हुआ यह कुंड वर्तमान में सीवर स्टोरेज का साधन बना हुआ है। गोरा नगर की सीवर की उफनती नालियां चारों तरफ से इसी कुंड में डाली जा रही हैं। यह काम किसी और ने नहीं बल्कि वृन्दावन के तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा किया गया है। यह बात स्थानीय लोगों ने स्पष्ट तौर पर कही और उन्होंने यह आरोप लगाया कि तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष ने उफनती सीवर की नालियों को साफ करने के बजाय उन्हें सीधा इस कुंड में ही धकेल दिया। आज स्थिति यह बन चुकी है इस कुंड में एक बूंद भी स्वच्छ पानी नहीं है, जितना पानी आप देख रहे हैं यह सीवर और गंदी नालियों का ही पानी है। स्थानीय लोग भी इस कुंड की दुर्गति के लिए कम जिम्मेदार नहीं है, आसपास के लोग अपने घरों का कूड़ा करकट इसी कुंड में डाल देते हैं। चारों तरफ घाटों पर पड़ी हुई गंदगी इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। कुंड में भरा गंदा पानी और चारों तरफ जमी पड़ी गंदगी से इस कुंड की ओर देखने का भी मन नहीं करता। साथ ही आस-पास के इलाके में गंदगी से बीमारियां भी पनप रही हैं।

प्रशसन से सहयोग की अपेक्षा

स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक इस कुंड को पौराणिक स्वरूप में लाने के लिए कुछ लोगों ने प्रयास किए लेकिन शासन प्रशासन और स्थानीय जनता ने पर्याप्त सहयोग नहीं किया। जिसके चलते वह कार्य मुकाम तक नहीं पहुंच पाया और आज पूरी तरह से दुर्दशा को प्राप्त है। लोगों का कहना है कि नेता लोग केवल वोट मांगने आते हैं सामाजिक कार्य करने की इच्छा से कोई कॉलोनी में नहीं आता। अब उन्हें उम्मीद है मथुरा वृंदावन नगर निगम बन गया है नए मेयर इस कुंड को स्वच्छ कर इसे सुंदर बनाएंगे।

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