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मंदसौर

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को मिलेंगे 10 लाख, हर माह मिलेगा ब्याज का पैसा

पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के नाम से कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद सरकार ने योजना लागू की है।

मंदसौरDec 12, 2021 / 01:31 pm

Subodh Tripathi

मंदसौर. कोविड काल में कई लोगों ने अपनों को खोया है, लेकिन राहत देने के लिए सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का लाभ कुछ को ही मिल रहा है। ऐसे में अनेक बच्चों की स्थिति ऐसी है जिनके चेहरों पर अब तक मुस्कान नहीं लौटी है। सरकारी आंकड़ों की माने तो 365 परिवारों के 610 बच्चों ने कोविड काल में अपनों को खोया है। इसमें 470 बच्चे ऐसे है जिनके सिर से पिता का साया छिन गया तो 100 जिन्होंने ममता का आंचल खो दिया। वहीं 40 बच्चें ऐसे है जिनके माता-पिता दोनों को कोविड लील गया। ऐसे में पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा लागू योजना में 39 को लाभ मिल रहा है तो अब केंद्र की पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन में 14 बच्चे इसके लिए पात्र विभागीय सर्वे में पात्र मानें गए है।

100 बच्चे ऐसे जिन्होंने माता को खोया तो 470 ने पिता को खोया
कोरोना काल के बाद माता पिता या दोनों में से एक को खोने वाले परिवारों व बच्चों की संख्या सरकारी आंकड़ों के अनुसार भी कम नहीं है, सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में 365 ऐसे परिवार हैं, जिनमे कुल 610 बच्चों ने अपनों को खोया है, इसमें से 21 परिवारों के 40 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता पिता को कोविड ने छीना है। वहीं 283 परिवारों के 470 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पिता को खोया है, तो 61 परिवारों के 100 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने माता को खोया है।

 

केंद्र की योजना ऐसे देगी बच्चों को संबल

पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के नाम से कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद सरकार ने योजना लागू की है। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले में सर्वे कराया। इसमें 14 बच्चे ही पात्र आए है। इसमें वह पात्र है जिनके माता-पिता की कोविड से मौत हुई है। सभी के पोस्ट ऑफिस में खाते खुलवाए जा चुके हैं। इन खातों में केंद्र सरकार राशि जमा करेगी और 23 साल की उम्र पूरी करने पर उसे 10 लाख रुपए मिलेगी। इस अवधि में हर माह ब्याज की राशि बच्चे को उसकी आजीविका को लेकर मिलेगी। जिले में योजना में 14 बच्चों के खाते खुल चुके हैं। बजट आने पर उनके खातों में यह राशि जमा कराई जाएगी।


योजना के मापदंडों में जो पात्र नहीं उन्हें नहीं मिला सहारा

केंद्र व प्रदेश की सरकारों द्वारा कोविड काल को लेकर लागू की गई योजना में नियमों व मापदंडों के चलते कई ऐसे परिवार व बच्चें है जो योजना के मापदंडों के चलते सरकार की योजनाओं से वंचित है। उन्हें कोविड में अपनों को गवाने के बाद भी किसी तरह की राहत नहीं मिली। और ना ही अब तक आसरा मिला है। अब भी कोविड के बाद मिले दर्द को वह हर दिन महसूस कर रहे है। योजनाओं के फेर में कई ऐसे बच्चे है जिनके चेहरों पर सहायता की मुस्कान नहीं आई है और न हीं उन्हें संबल मिल पाया है। हालांकि जिले में योजनाओं से हटकर निजी तौर पर राशि एकत्रित कर जनसहयोग से मदद दी गई है।


प्रदेश की सीएम बाल सेवा योजना में 39 को मिल रही राशि

इसके पूर्व प्रदेश सरकार की सीएम बाल सेवा योजना में जिले में 39 बच्चे पात्र है। जिन्हें हर बार 5-5 हजार की सहायता मिल रही है। बाल सेवा योजना में माता-पिता के निधन की पात्रता तो है लेकिन इसमें किसी एक की पहले और दूसरे की कोविड में निधन होने पर अनाथ हुए बच्चे को भी इसकी पात्रता है लेकिन पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन में माता पिता दोनों के कोविड में निधन वाले को पात्रता है।

14 पात्र लोगों के खुलवाए है खाते

पीएम केयर फॉर चिल्डन योजना में सर्वे के बाद जिले में 14 बच्चों को इस योजना के लिए पात्र पाया गया। इसमें पोस्ट ऑफिस में खाते खुलवाए गए है। केंद्र सरकार इन खातों में राशि जमा कराएगी और हर माह ब्याज बच्चों को आजीविका के लिए मिलेगा। 23 वर्ष की उम्र पूरी करने पर उसे 10 लाख रुपए मिल जाएंगे। बजट आने पर इन 14 बच्चों के खाते में राशि जमा कराई जाएगी। वहीं पूर्व से ही सीएम बाल सेवा योजना में 39 बच्चों 5-5 हजार रुपए की राशि हर माह मिल रही है।

-अखिलेश जैन, जिला अधिकारी, महिला एवं बाल विकास

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