मोहगांव ब्लॉक से 40 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव है, जहां सिर्फ दिवाली ही नहीं, बल्कि हर प्रमुख त्योहार की खुशियां एक दिन पहले मनाई जाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर वो इसका पालन नहीं करते तो उनके गांव में विपत्ति आ जाएगी। हम बात कर रहे हैं जिले में स्थित 900 लोगों की आबादी वाले ग्राम पंचायत धनगांव की। जैसे इस बार देशभर में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। लेकिन धनगांव में दिवाली तय तिथि से एक दिन पहले यानी आज 30 अक्टूबर को ही मना ली जाएगी।
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क्या है मान्यता ?
सिर्फ इसी बार नहीं बल्कि हर साल इस गांव के लोग दिवाली एक दिन पहले ही मनाने आ रहे हैं। इसके पीछे ग्रामीणों की अपनी परंपरा और मान्यता है। यहां एक साथ मिलकर ग्रामीण पूजा करते हैं। दीप जलाते हैं और पटाखे फोड़ने के साथ पूरा गांव मिलकर अपना आदिवासी नृत्य सैला कर एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। आज गांव में दिवाली होने के चलते यहां के सभी रहवासियों में खासा उत्साह है। घरों की साफ-सफाई का काम एक दिन पहले ही पूरा हो चुका है और आज गांव के सभी लोग शाम को होने वाले सामूहिक कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हुए हैं। गांव में पीढ़ीयों से चली आ रही मान्यता के चलते यहां हर पर्व एक दिन पहले मनाया जाता है।जानें आखिर क्या है वजह
ग्रामीणों की मानें तो त्योहारों को एक दिन पहले मनाने के पीछे एक मान्यता पूर्ण कहानी है। कहते हैं सैकड़ों साल पहले ग्राम देवता खेरमाई माता किसी ग्रामीण के स्वप्न में आई थीं। उन्होंने गांव की खुशहाली के लिए ऐसा करने को आदेशित किया था। तभी से हर साल दिवाली, होली, पोला और हरेली तय तारीख से एक दिन पहले मनाई जा रही है। बुजुर्गों और पुरखों द्वारा बनाई गई इस परंपरा को वे तोड़ना नहीं चाहते। जब-जब इसकी कोशिश की गई तो गांव पर कोई न कोई संकट या किसी की मौत भी जरूर हुई है। यह भी पढ़ें- जंगल में चारों तरफ पड़ी मिली हाथियों की लाशें, 8 गंभीर हालत में बेहोश मिले, दंग रह गई जांच टीम, Video