अचानक बिना कारण बताए लौटाने से आक्रोशित चयनित शिक्षक तत्काल कलेक्टर के पास पहुंचे और आवेदन दिया। लेकिन वहां से भी आश्वासन देकर लौटा दिया। चयनित शिक्षक का कहना था कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर ही तीन शिफ्ट में 15-15 शिक्षकों का वेरिफिकेशन करने का निर्देश जारी किया था। जिला मुख्यालय में कोरोना कफ्र्यू में कार्यालय भी खुले हैं इसके बाद भी वेरिफिकेशन नहीं किया गया। अगर वेरिफिकेशन स्थागित किया जाना था इसकी सूचना पहले दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग एक के लिए 12 हजार शिक्षकों का और शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 2 में 5 से 7 हजार शिक्षकों की भर्ती होनी है। साल 2011 के बाद 2018 में शिक्षकों की भर्ती निकली थी। 7 साल के लंबे इंतजार के बाद 2018 में भर्ती का विज्ञापन निकला था, शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 1 और वर्ग 2 की परीक्षा ली गई थी जिसमें प्रदेश के 33 हजार शिक्षक चयनित हुए हैं, ढाई साल के बाद भी अब तक चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की राह देख रहे हैं।
किराये की गाड़ी लेकर पहुंचे
चयनित शिक्षक वंदना शिववंशी ने बताया कि निजी वाहन करके ग्वालियर से वेरिफिकेशन के लिए मंडला पहुंचे है। तीन दिन आने में लगा। कार्यालय पहुंचे तो वहां बिना लिखित सूचना के वेरिफिकेशन नहीं किया गया। संक्रमण के इस समय में दोबारा आना और महंगा पड़ सकता है। चयनित शिक्षक पिंकी यादव ने कहा कि कार्यालय पहुंचे तो वहां कोई निश्चित जानकारी देने को तैयार नहीं है। कहा गया कि अपना नंबर दे दो जो भी सूचना मिलेगी भेज देंगे। लंबे समय बाद उम्मीद जागी थी। ढाई साल से चयनित शिक्षकों को प्रताडि़त होना पड़ रहा है।
5 मई 2021 तक स्थगित
जिला शिक्षा अधिकारी, मंडला निर्मला पटले ने बताया कि शिक्षा विभाग में लगातार कर्मचारी, अधिकारियों के संक्रमित होने के बाद शिक्षक भर्ती दस्तावेज सत्यापन कार्य 5 मई 2021 तक स्थगित किया गया है। जिसकी सूचना प्रदेश के सभी जिले में पहुंचा दी गई है। आगामी आदेश मिलने के बाद सत्यापन कार्य किया जाएगा।