जुआन के ही शब्दों में, वो अपनी गर्लफ्रेंड से कार्टून्स के जरिए बात करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने एक कार्टून बनाया और उस पर अपने दिल के शब्द लिख दिए। दोस्तों की सलाह पर उन्होंने प्रतिष्ठित अमरीकी मैग्जीन The New Yorker में इसे छपने के लिए भेजा ये अप्रुव नहीं हो पाया।
जुआन ने हिम्मत नहीं हारते हुए कुछ और कार्टून बनाएं और उन्हें भी The New Yorker में छपने के लिए भेजा, वहां के एडीटर्स से भी उनकी बात हुई, उन्हें एडीटर्स ने सलाह भी दी, लेकिन आखिर में उनके कार्टून छप नहीं पाए। ऐसा एक बार या दो बार नहीं हुआ, बल्कि पूरे सौ बार हुआ।
हालांकि उनके दोस्त उनके इन कार्टून्स से इम्प्रैस थे और उन्हें प्रेरित करते रहते थे। जुआन के मुताबिक ऐसा करने वाले वो दुनिया के पहले व्यक्ति नहीं थे वरन उनसे पहले भी डेविड (David Sipress) ने पूरे 25 वर्षों तक अपने कार्टून के मैग्जीन में छपने का इंतजार किया और आखिर में सफल हुए। डेविड से प्रेरित होकर जुआन भी पूरी लगन से कार्टून बनाते रहे।
आखिर में जब उनके कार्टून को द न्यू यार्कर में छपने की अनुमति नहीं मिली, तब उन्होंने कुछ अलग हटकर फैसला लिया और मैग्जीन के ऑफिस के बाहर अपने कार्टून्स को दीवारों पर चिपकाना शुरु कर दिया। मैग्जीन के ऑफिस के बाहर से गुजरने वाले लोग इन कार्टून्स को देखते, उनकी सराहना करते। जुआन इन्हीं से खुश थे, जो प्रशंसा और सराहना वो द न्यू यार्कर के जरिए पाना चाहते थे, वो उन्हें अब कार्टून पब्लिश हुए बिना ही मिल रही थी। आज पूरी दुनिया उनके काम की सराहना करती है।