हर साल कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स के रिजल्ट आते हैं। ये परिणाम हजारों लाखों स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। टॉपर्स की कहानियां, उनके संघर्ष और उनकी रणनीति आदि प्रेरित करती हैं कि वो भी कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स (competitive exams) के जरिए अपने सपने सच कर सकते हैं। हर साल लाखों स्टूडेंट्स तैयारी शुरू करते हैं, लेकिन उनसे में कुछ का सेलेक्शन होता है। छोटी-छोटी कमियां, गाइडेंस की कमी, जुनून की कमी और ऐसी तमाम चीजें असफलता की वजह बनती हैं। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाना है, इसे समझ लिया जाए। जानिए, तैयारी शुरू करने से पहले कौन सी बातों का याद रखें…
क्यों देनी है परीक्षा, समझें?
प्रतियोगी परीक्षा का हिस्सा क्यों बनना चाहते हैं, पहले खुद से इस सवाल का जवाब पूछें। परीक्षा किसी फैमिली मेम्बर्स के कहने पर दे रहे हैं, कोई दोस्त परीक्षा में शामिल हो रहा है इसलिए आप भी ऐसा कदम उठा रहे हैं या फिर वाकई में आप कुछ बनना चाहते हैं इसलिए परीक्षा दे रहे हैं। इन सवालों के जवाब को समझने की जरूरत है। परीक्षा तभी दें जब आपको लक्ष्य स्पष्ट हो। क्या करना है और क्या नहीं, यह तय कर लें।
दृढ़ संकल्प लें
किसी विशेष परीक्षा की तैयारी करने से पहले यह दृढ़ संकल्प लें कि उसके लिए 100 फीसदी मेहनत करनी है। इसके बाद ही तैयारी शुरू करें। तैयारी से पहले एक प्लान भी बनाएं कि शेड्यूल कैसा होगा। किस शेड्यूल में कौन से टॉपिक कवर होंगे और उसे कवर करने के लिए कौन सी रणनीति अपनाएंगे, यह भी समझें। स्टडी अगर प्लान करके की जाए और सख्ती से उसे फॉलो किया जाए तो 50 फीसदी तक सफलता का रास्ता यूं ही साफ हो जाता है। यही वजह है कि प्लानिंग सफलता का शुरुआती चरण होता है जो इंसान को उसके लक्ष्य तक लेकर जाता है। इसलिए यह बात जरूर ध्यान रखें।
टाइम मैनेजमेंट
जो भी प्लानिंग बनाई है उसे समय से पूरा करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। ध्यान रखें कि टाइम मैनेजमेंट में सिर्फ स्टडी को शामिल न करें बल्कि यह भी देखें कि पढ़ाई के अलावा खुद को फ्रेश और एनजर्टिक कैसे रखना है। किस टॉपिक को कितने समय में पूरा करना है और प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए कितना समय देना है, इसे भी अपने टाइम मैनेजमेंट शेड्यूल का हिस्सा बनाएं। ज्यादा से ज्यादा अपने समय का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि आपका टाइम मैनेजमेंट आपको सफलता की ओर ले जाता है।
शॉर्ट स्टडी से बचें
कई कैंडिडेट कॉम्पिटीटिव एग्जाम के लिए शॉर्ट स्टडी का रास्ता चुनते हैं, लेकिन ये शॉर्ट स्टडी परीक्षा में सफलता को लेकर संशय पैदा करती है। नतीजा कैंडिडेट्स में तनाव बढ़ने के साथ कंफ्यूजन भी बढ़ता है। स्टूडेंट्स तैयारी के दौरान कंफर्ट लेवल तलाशने लगते हैं। बेहतर होगा कि तैयारी को पूरा समय दें। जो टॉपिक्स आपको कठिन लगते हैं उसे थोड़ा ज्यादा समय दें ताकि समय रहते इसे ठीक से समझा जा सके। अन्यथा परीक्षा के अंतिम समय में इन टॉपिक्स की तैयारी बेवजह तनाव और दबाव को बढ़ाने का काम करेगी। इसलिए इस बात का ध्यान रखें।
मॉक पेपर्स और मोटिवेशन भी है जरूरी
परीक्षा की तैयारी का प्लान बनाते समय ध्यान रखें कि पूरा सेलेबस हमेशा परीक्षा के एक महीने पहले पूरा कर लें। ऐसा करने पर रिविजन और मॉक टेस्ट पेपर के लिए समय मिलता है। मॉक टेस्ट पेपर के जरिए यह समझा जा सकता है तैयारी कितनी बेहतर है और कितनी कमियां हैं। इसके साथ परीक्षा के लिए जितना समय मिलता है उस टाइम पीरियड में कितना पेपर हल कर पा रहे हैं। एक्यूरेसी का लेवल क्या है, यह भी समझा जा सकता है। इसके अलावा समय-समय पर टॉपर्स के वीडियो और सलाह पर भी गौर करें। उनके वीडियो और उनकी सलाह प्रेरित करने का काम करती है। परीक्षा में सफलता के लिए मोटिवेशन भी जरूरी है।