इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। फिर भी मामला नहीं संभला को पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में फायरिंग भी की। खबर है कि पथराव और लाठीचार्ज में कुछ पुलिस वाले और कई चालक घायल हो गए हैं। हालांकि, आलाधिकारी फायरिंग को लेकर नाकार रहे हैं।
जाम खुलवानें में पुलिस और ड्राइवरों के बीच गरमाया मामला
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हिट एंड रन कानून को लेकर मैनपुरी जिले में दूसरे दिन भी हड़ताल जा रहा। इसी बीच ट्रक ड्राइवरों ने सड़क जाम करने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने किसी तरह खुलवाया तो मामला गरमा गया। नाराज ट्रक ड्राइवरों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिस ने स्थित को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके अलावा स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस बल ने हवाई फायरिंग भी की।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हिट एंड रन कानून को लेकर मैनपुरी जिले में दूसरे दिन भी हड़ताल जा रहा। इसी बीच ट्रक ड्राइवरों ने सड़क जाम करने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने किसी तरह खुलवाया तो मामला गरमा गया। नाराज ट्रक ड्राइवरों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिस ने स्थित को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके अलावा स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस बल ने हवाई फायरिंग भी की।
क्या है हिट एंड रन कानून?
दरअसल, हर साल करीब 50 हजार लोग सड़क पर हुए हादसों और समय पर अस्पताल न पहुंचाए जाने की वजह से मर जाते हैं। ऐसे में हिट एंड रन कानून को सख्त कर दिया गया है। इसके तहत अगर कोई ट्रक, डंपर या बस चालक किसी शख्स को कुचलकर भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उसके ऊपर लाखों रुपयों का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है। इससे पहले आरोपी ड्राइवर को कुछ दिनों के भीतर जमानत मिल जाती थी। हालांकि, पुराने कानून में भी 2 साल की सजा का प्रावधान था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसी को लेकर देश भर में ट्रक, टैक्सी और बस चालक आंदोलन पर उतरे हैं।
दरअसल, हर साल करीब 50 हजार लोग सड़क पर हुए हादसों और समय पर अस्पताल न पहुंचाए जाने की वजह से मर जाते हैं। ऐसे में हिट एंड रन कानून को सख्त कर दिया गया है। इसके तहत अगर कोई ट्रक, डंपर या बस चालक किसी शख्स को कुचलकर भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उसके ऊपर लाखों रुपयों का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है। इससे पहले आरोपी ड्राइवर को कुछ दिनों के भीतर जमानत मिल जाती थी। हालांकि, पुराने कानून में भी 2 साल की सजा का प्रावधान था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसी को लेकर देश भर में ट्रक, टैक्सी और बस चालक आंदोलन पर उतरे हैं।