डायल 112 पुलिस ने सारे प्रयास फेल, बुलाया गया सपेरा
सूचना पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची और सपेरा भी पहुंचा। तीन घंटे बाद जहरीला सांप खुद कमरे से बाहर निकल गया। जिसे सपेरे ने पकड़ लिया है। सावन मास के आखिरी सोमवार में यह दृश्य देख लोग हैरत में दिखे कि कैसे एक महिला भगवान शंकर का स्मरण करते हुए जहरीले सांप से भी बच गई।
सूचना पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची और सपेरा भी पहुंचा। तीन घंटे बाद जहरीला सांप खुद कमरे से बाहर निकल गया। जिसे सपेरे ने पकड़ लिया है। सावन मास के आखिरी सोमवार में यह दृश्य देख लोग हैरत में दिखे कि कैसे एक महिला भगवान शंकर का स्मरण करते हुए जहरीले सांप से भी बच गई।
आस्था और यकीन का यह संगम सदर तहसील क्षेत्र में आने वाले डहर्रा गांव में देखने को मिला है। दरअसल, हमीरपुर जिले के देवीगंज गांव में रहने वाली मिथिलेश यादव रक्षाबंधन पर अपने मायके डहर्रा गांव आई हैं। मिथिलेश सालों से सावन मास के सभी सोमवार का व्रत रखती चली आ रही है और वर्तमान में भी वह सोमवार के व्रत रखती हैं।
सोमवार सुबह सोकर उठी तो देखा पैर में फन फैलाए लिपटा था कोबरा
रविवार रात मिथिलेश सो रही थीं। सुबह 5:00 बजे नींद खुलने पर उन्होंने देखा कि उसके पैर पर काला सांप फन फैलाकर लिपटा है। महिला अपने पैर पर काला कोबरा सांप लिपटा देख डर गई। ऐसे में मिथिलेश ने सांप के सामने हाथ जोड़कर भगवान शंकर का स्मरण शुरू कर दिया। जिस कमरे में महिला सोई हुई थी, वहां भगवान शंकर की मूर्ति भी है। जिसे परिवार के लोग पूजते हैं। तीन घंटे तक कोबरा सांप महिला के पैर में लिपटा रहा। इस दौरान सांप ने महिला कोई नुकसान नही पहुंचाया। मिथिलेश की हालत देखकर उसके परिजनों के भी होश उड़ गए।
रविवार रात मिथिलेश सो रही थीं। सुबह 5:00 बजे नींद खुलने पर उन्होंने देखा कि उसके पैर पर काला सांप फन फैलाकर लिपटा है। महिला अपने पैर पर काला कोबरा सांप लिपटा देख डर गई। ऐसे में मिथिलेश ने सांप के सामने हाथ जोड़कर भगवान शंकर का स्मरण शुरू कर दिया। जिस कमरे में महिला सोई हुई थी, वहां भगवान शंकर की मूर्ति भी है। जिसे परिवार के लोग पूजते हैं। तीन घंटे तक कोबरा सांप महिला के पैर में लिपटा रहा। इस दौरान सांप ने महिला कोई नुकसान नही पहुंचाया। मिथिलेश की हालत देखकर उसके परिजनों के भी होश उड़ गए।
परिजनों की सूचना पर सूचना पर डायल 112 पुलिस भी मौके पर पहुंची। जिसने सांप भगाने का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हुए। इसके बाद गांव के सपेरे को बुलाया गया। इसी बीच सांप खुद कमरे से बाहर निकल गया। हालांकि सपेरे ने सांप को पकड़ लिया। मिथलेश यादव बताती हैं कि वो सावन मास में सोमवार का व्रत रखती हैं। जिसमे उसकी बड़ी आस्था है। सांप के फन फैलाए रूप को देख वो डर गई मगर उसे अपनी आस्था पर विश्वास था और सांप ने उसे नही काटा। वहीं मिथिलेश के भाई रविन्द्र कुमार ने बताया कि उनकी बहन ससुराल से रक्षा बंधन पर्व मनाने के लिए मायके आई थी और वो सांप की चपेट में आ गई। मगर सावन मास में भगवान ने उनकी बहन की जान बचा ली। उनके व बहन के हाथ में ॐ का निशान गुदा हुआ है जो हमारी रक्षा भी करता है।