गिलोय (Giloy)में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो खतरानक बीमारियों से हमें बचाते है। गिलोय, किडनी और लिवर से विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और मुक्त कणों को बाहर निकालता है। नियमित रूप से गिलोय का जूस पीने से रोगों से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार जो ठीक होने के बाद भी रोगी को महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान करते रहते हैं, ऐसे मामलों में गिलोय (Giloy)प्रकृति द्वारा हमें दिया गया एक बेहतरीन उपहार है आयुर्वेद में तो गिलोय को अनेक बीमारियों में उपयोगी माना ही गया है।
गिलोय पाचन तंत्र की देखभाल कर सकता है। आधा ग्राम गिलोय (Giloy) पाउडर को आंवले के साथ नियमित रूप से लें। अच्छे परिणाम के लिए, गिलोय का रस छाछ के साथ भी लिया जा सकता है। यह उपाय बवासीर से पीड़ित रोगियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
गैस, जोड़ों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय (Giloy)का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गिलोय कोलेस्ट्रॉल को कम करती है तथा खून में शुगर के नियंत्रण में सहायता करती है। गिलोय (benefits of Giloy) के नित्य प्रयोग से चेहरे पर तेज आता है और असमय ही झुर्रियां नहीं पड़ती।