पूर्व सैनिकों का शिवसेना के खिलाफ प्रदर्शन
पूर्व सैनिकों मुख्यमंत्री ठाकरे के पुतले के साथ प्रदर्शन करते हुए स्थानीय थाना चौक पर उनका पुतला दहन किया। यह पुतला दहन शिव सैनिक द्वारा नेवी के पूर्व अधिकारी को प्रताडि़त किए जाने के विरोध किया गया। पूर्व सैनिकों का कहना था कि जिस तरह शिव सैनिक के गुंडे लाठी-डंडों से नौसेना के सेवानिवृत अधिकार मदन शर्मा को घर से बुला कर निर्ममता से मारा तथा उनकी आंख को फोडऩे का प्रयास किया, यह जघन्य अपराध के श्रेणी में ही गिना जाएगा।
पूर्व सैनिकों ने फूंका ठाकरे का पुतला
पूर्व सैनिकों में इस बात पर भी रोष था कि देश की सेवा करने वाले सैन्य अफसर के साथ ऐसा बर्ताव करने वालों को अभी तक सजा नहीं मिली है। उनका कहना था कि शिव सैनिकों द्वारा एक के बाद एक को कृत्य को अंजाम देने के कारण मानवता शर्मसार हो गई है। उनके इस जघन्य अपराध को जितनी भत्र्सना की जाए उतनी कम है। सत्ता के मद में चूर होकर उन्होंने देश के एक सैनिक जिसने अपना जिदगी देश की सेवा में लगा दिया उनको प्रताडि़त किया जाना अमानवीय है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग
राष्ट्र की वर्तमान सरकार को अविलंब बर्खास्त करते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। पुतला दहन में भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ संयोजक कृष्ण कांत झा ,अभी भूषण तिवारी, सत्य नारायण झा, सतीश मिश्रा, मिथिलेश झा, भूप नारायण सिंह, दिनेश यादव ,सुबोध झा, विजय ठाकुर, अनिल मिश्रा ,हरि ठाकुर, रघुवीर मिश्रा ,हरि नारायण ठाकुर, राजेंद्र तिवारी सहित अन्य पूर्व सैनिकों ने प्रदर्शन किया।
क्षत्रीय महासभा ने भी फूंका ठाकरे का पुतला
उधर अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की साजिश के तहत की गई हत्या तथा कंगना रानौत के मुम्बई स्थित मकान को गलत ढग़ से तोडऩे के खिलाफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पुतला दहन किया महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बैद्यनाथ सिंह बैजू के नेतृत्व में आक्रोश मार्च निकाला। स्थानीय थाना चौक पर मुख्यमंत्री ठाकरे का पुतला दहन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बैजू ने कहा कि शिवसेना की गुंडागर्दी के कारण पूरे महाराष्ट्र में तनाव है। सुशांत सिंह राजपूत को साजिश के तहत हत्या करवाने में शिवसेना की अहम भूमिका सामने आई है। केंद्र सरकार महाराष्ट्र में जल्द राष्ट्रपति शासन लगाए। नहीं तो क्षेत्रीय महासभा उग्र आंदोलन करेगी।