हालांकि उत्तर प्रदेश करीब 15 साल पहले पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है, और आखिरी केस 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में पाया गया था, लेकिन पड़ोसी देशों जैसे
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो अभी भी मौजूद है। इसे भारत में फिर से फैलने से रोकने के लिए हर साल यह अभियान चलाया जाता है।
14 दिसंबर तक चलाया जाएगा पल्स पोलियो अभियान
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता के अनुसार, अभियान के पहले दिन रविवार को 1,10,648 बूथों पर बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स दी जाएंगी। इसके बाद 9 दिसंबर से 14 दिसंबर तक टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी। नेपाल बार्डर पर बनाए गए 30 टीकाकरण पोस्ट
इस काम के लिए 69,316 टीमें तैयार की गई है और 25,331 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। साथ ही 7,190 ट्रांजिट टीमें और 3,419 मोबाइल टीमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टैंपो स्टैंड, ईंट भट्ठे, फैक्ट्री और निर्माण स्थलों पर मौजूद बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स देंगी। घुमंतू आबादी के लिए 8,723 क्षेत्रों में 70,528 परिवारों को चिन्हित किया गया है। नेपाल बॉर्डर पर 30 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं, और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, सीरिया, कैमरून, केन्या और इथियोपिया से आने-जाने वाले यात्रियों को भी पोलियो वैक्सीन दी जाएगी।