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लखनऊ

Yogi Government: आउटसोर्सिंग कर्मियों के शोषण से बचाव के लिए सरकार का बड़ा कदम: बनेगा “आउटसोर्स सेवा निगम”

Yogi Government: आउटसोर्सिंग कर्मियों को शोषण और अवैध कार्रवाई से बचाने के लिए राज्य सरकार “आउटसोर्स सेवा निगम” स्थापित करने जा रही है। यह निगम कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया, सेवा शर्तों और सुविधाओं की निगरानी करेगा। इसके माध्यम से एजेंसियों को जवाबदेह बनाया जाएगा और छह लाख से अधिक कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा होगी।

लखनऊDec 07, 2024 / 08:23 am

Ritesh Singh

अवैध कार्रवाई और शोषण पर लगेगा ब्रेक, सर्विस प्रोवाइडर एजेंसियां होंगी जवाबदेह

अवैध कार्रवाई और शोषण पर लगेगा ब्रेक, सर्विस प्रोवाइडर एजेंसियां होंगी जवाबदेह

राज्य सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मियों को शोषण और अवैध कार्रवाई से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती, सेवाओं और सुविधाओं की निगरानी के लिए “आउटसोर्स सेवा निगम” स्थापित किया जाएगा। इस निगम के माध्यम से सभी सर्विस प्रोवाइडर एजेंसियों को जवाबदेह बनाया जाएगा, और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए इसे कई अधिकार प्रदान किए जाएंगे।
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आउटसोर्स सेवा निगम: कर्मियों के हितों की सुरक्षा में अहम पहल

राज्य भर में छह लाख से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। इनमें स्वास्थ्य, जनसुविधा सेवाएं, और डायल 112 जैसे महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। इन कर्मचारियों की सेवा शर्तों को सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है, लेकिन मौजूदा मॉनिटरिंग तंत्र के अभाव में कई एजेंसियां इन शर्तों का दुरुपयोग करती हैं।

निगम के गठन के बाद

.सभी सर्विस प्रोवाइडर एजेंसियों को अनिवार्य रूप से निगम में पंजीकृत होना होगा।
.एजेंसियों का चयन और उनके कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया निगम की निगरानी में होगी।
.कर्मचारियों के वेतन और सुविधाओं की प्रभावी निगरानी होगी।
.आउटसोर्सिंग भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पर सरकार सख्त
.हाल ही में जेम पोर्टल के माध्यम से हो रही आउटसोर्सिंग कर्मियों की भर्ती में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्मियों की भर्ती में लाखों रुपये की रिश्वत ली जा रही है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए “आउटसोर्स सेवा निगम” की स्थापना के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है।
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कर्मियों के अधिकारों की रक्षा के लिए निगम के संभावित अधिकार

भर्ती प्रक्रिया की निगरानी: निगम सुनिश्चित करेगा कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं पारदर्शी और नियमों के अनुसार हों।
कर्मचारियों की शिकायत निवारण: कर्मियों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
एजेंसियों पर कार्रवाई का अधिकार: शर्तों का उल्लंघन करने वाली एजेंसियों पर निगम दंडात्मक कार्रवाई कर सकेगा।
मानवाधिकार संरक्षण: कर्मचारियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान लागू किए जाएंगे।

आउटसोर्सिंग कर्मियों की चुनौतियां और निगम की भूमिका

चुनौतियां
कम वेतन और सुविधाओं का अभाव
नौकरी की अस्थिरता
अवैध बर्खास्तगी और शोषण
भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी

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निगम की भूमिका
मानकों के अनुसार कर्मियों को वेतन और सुविधाएं दिलाना।
सेवा शर्तों का उल्लंघन रोकना।
कर्मियों और एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना।
सरकार के कदम से उम्मीदें बढ़ीं

सरकार के इस निर्णय ने राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में नई उम्मीदें जगाई हैं। यह पहल न केवल कर्मचारियों के अधिकारों को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य के कामकाज में भी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी।

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