राज्य सरकार हर जिले में इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने के निर्देश दिये हैं, ताकि संक्रमितों की निगरानी ज्यादा बेहतर ढंग से हो सके। कमांड सेंटर्स को संक्रमित की तुरंत जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद पीड़ितों की ट्रैकिंग के साथ उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी की जा सकेगी। सेंटर्स पर कोविड मरीजों की पहचान और फोन नंबर डेटाबेस में सुरक्षित रखा जाएगा।
कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री ने सभी 75 जिलों में डोर टू डोर सर्वे करने के निर्देश दिये हैं। इससे जहां कोरोना के छिपे केस सामने बाहर आएंगे वहीं, श्वसन जैसी उन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की जानकारी भी इकट्ठा की जा सकेगी, जिन पर कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है। सीएम ने डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य में कोताही न बरतने के निर्देश दिये हैं।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार थामने और सैनेटाइजेशन के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन लागू किया है। इसके तहत शनिवार और रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा, सिर्फ अहम सेवाओं से जुड़े लोग ही काम पर जाएंगे। इस दौरान सभी कंटेनमेंट जोन में सैनेटाइजेशन का काम किया जाएगा।
सीएम योगी ने 20 जुलाई से सभी सरकारी व निजी दफ्तरों में हेल्प डेस्क शुरू करने के निर्देश दिये हैं। जेल व राजस्व अदालतों में भी हेल्प डेस्क बनाई जाएंगी। अब दफ्तरों में थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क और सैनिटाइजर भी जरूरी है, निर्देशों को नहीं मानने वाले पर महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
यूपी में सबसे ज्यादा हैं कोरोना टेस्टिंग लैब, हर दिन हो रही हैं 45 हजार जांचें
उप्र में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्टिंग लैब
देश की कुल कोरोना टेस्टिंग लैबोरेट्रीज की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश का नौवां हिस्सा है। स्वास्थ्य विभाग के पास आये आईसीएमआर के आंकड़े बताते हैं कि देश में 1253 लैबोरेट्री हैं। इनमें 885 सरकारी और 368 निजी क्षेत्र की लैबोरेट्री हैं वहीं, यूपी में कुल 141 लैबोरेट्री हैं जिनमें 120 सरकारी और 21 प्राइवेट लैब हैं। सभी जिला अस्पतालों में कुल ट्रूनेट मशीनें 85 हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 10 हैं। प्रदेश में हर दिन करीब 45000 से अधिक टेस्टिंग हो रही है। मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर 50 हजार करने के निर्देश दिये हैं।
कुल केस- 51171
नये केस- 1924
एक्टिव- 18256
डिस्चार्ज- 29845
मौत- 1146 विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा
उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण पर विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव जहां क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कांग्रेस महासचिव ने कोविड अस्पतालों में बेड फुल होने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अब टेपरिकॉर्डर जैसी चलने वाली प्रेसवार्ताओं से यूपी सरकार का काम नहीं चलेगा। कोरोना की स्थिति पर ध्यान देना होगा। बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि यूपी में बढ़ता कोरोना संक्रमण जुगाड़ से नहीं बल्कि उचित व्यवस्था से नियंत्रित हो सकता है।