किराये में बचत अगर आप नौकरी करते हैं, तो भी अपना घर खरीद सकते हैं। 30 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते आप लोन की रकम अदा कर सकते हैं। आपको ईएमआई कम देनी पड़ती है। अपना घर खरीदने से ईएमआई जाना शुरू हो जाती है, लेकिन मकान के किराये के तौर पर जाने वाली राशि बचना शुरू हो जाता है। समय के साथ ईएमआई की राशि किराये की तुलना में कम भी होती जाती है।
टैक्स में बचत कम आयु में होम लोन लेने पर लोन के पुनर्भुगतान के लिए भी लंबा समय मिल जाता है। आपको चुकाए गए ब्याज पर आयकर में दो लाख रुपए तक की कटौती मिलती है। मूलधन के भुगतान पर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक की कटौती मिलती है।
ये भी पढ़ें: हाथरस जैसी एक और हैवानियत, बलरामपुर में दुष्कर्म के बाद तोड़े पीड़िता के पैर और कमर, आजमगढ़, और फतेहपुर में भी दरिंदगी रिटायरमेंट से पहले होम लोन का फायदा होम लोन अक्सर 20 से 25 साल की अवधि के लिए होता है। ऐसे में जल्दी मकान लेने से आप रिटायरमेंट से बहुत पहले होम लोन से मुक्त हो जाते हैं। इससे आप बेहतर रिटायरमेंट प्लानिंग कर सकते हैं।
प्रॉपर्टी वैल्यू में वृद्धि जल्दी निवेश करने का फायदा यह है कि भविष्य में आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू में वृद्धि होगी। जल्दी निवेश करने का मतलब है कि आपको प्रॉपर्टी भविष्य की कीमत की तुलना में सस्ती मिलेगी। समय के साथ-साथ आपके मकान की कीमत में भी इजाफा होगा और इससे आपकी नेटवर्थ भी बढ़ेगी।
ये भी पढ़ें: UP Top Ten News: यूपी बोर्ड के मेधावियों को मिलेगी 80 हजार की स्कॉलरशिप दूसरे बजट के मुकाबले पड़ेगा सस्ता माता पिता को बच्चों की शिक्षा, शादी का बजट भी देखना होता है। 40-50 की उम्र तक आते-आते यह बजट गड़बड़ा सकता है। जीवन के प्रारम्भिक चरण में अपना मकान लेने से वित्तिय अनुशासन आ जाता है। इससे बचत की प्रवृत्ति होती है और भविष्य के लिए ज्यादा लोन की समस्या भी नहीं रहती।