लखनऊ

एक दर्जन बाहुबली चुनाव मैदान में उतरने को तैयार, दबंग छवि के बावजूद रखते हैं प्रभाव

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है। राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। इसी के साथ बाहुबली नेताओं ने भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। ऐसा पहली बार जब यूपी के दो प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और सपा बाहुबलियों को टिकट देने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में बहुत सारे बाहुबली या तो छोटे दलों से जुड़कर चुनाव लडऩे की जुगत में हैं या फिर निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया जैसे नेताओं ने तो अपनी पार्टी बना ली है। आइए जानते हैं यूपी की सियासत में कामयाब प्रभावशाली राजनेताओं के बारे में-

लखनऊDec 20, 2021 / 04:18 pm

Prashant Mishra

लखनऊ. यूपी की राजनीति और बाहुबली दोनों एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। 1980 के दशक में पूर्वांचल से बाहुबलियों की सियासत में एंट्री हुई। गोरखपुर के वीरेंद्र प्रताप शाही और हरिशंकर तिवारी की अदावत चुनावों में दिखी। चुनाव मैदान में उतरने पर इन्हें सफलता मिली। इस तरह राजनीति अपराध को ढकने की चादर बन गयी। इसके बाद तो मऊ से मुख्तार अंसारी, वाराणसी से बृजेश सिंह, आजमगढ़ से रमाकांत और उमाकांत यादव, जौनपुर से धनंजय सिंह भी नेता बन गए। अब तो यूपी की राजनीति में बाहुबली नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त मौजूद है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है। राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। इसी के साथ बाहुबली नेताओं ने भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। ऐसा पहली बार जब यूपी के दो प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और सपा बाहुबलियों को टिकट देने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में बहुत सारे बाहुबली या तो छोटे दलों से जुड़कर चुनाव लडऩे की जुगत में हैं या फिर निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया जैसे नेताओं ने तो अपनी पार्टी बना ली है। आइए जानते हैं यूपी की सियासत में कामयाब प्रभावशाली राजनेताओं के बारे में-
रघुराज प्रताप सिंह

भाजपा और समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे चुके रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया पिछले 25 साल से प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक हैं। ये अपनी सीट के साथ-साथ आसपास की दस विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। इनकी पार्टी का नाम जनसत्ता दल लोकतांत्रिक है। रघुराज प्रताप सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में किस दल के साथ जाएंगे यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हरिशंकर तिवारी

पूर्वांचल के बाहुबली नेता के तौर पर हरिशंकर तिवारी की पहचान है। यह मायावती सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं। पूर्वांचल में एक समय हरिशंकर तिवारी का एकछत्र राज्य था। पिछले दिनों उनके बेटे विनय तिवारी ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। बाहुबली छवि के हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल की कम से कम आठ विधानसभा सीटों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
रमाकांत यादव

आजमगढ़ से सांसद रहे रमाकांत यादव का आजमगढ़ और आसपास की विधानसभा सीटों पर पर काफी दबदबा है। करीब सात विधानसभा सीटों पर इनका असर दिखता है। इनके भाई उमाकांत यादव मछलीनगर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। मछलीनगर और आसपास की पांच विधानसभा सीटों पर इनका दबदबा है।
धनंजय सिंह

छात्र राजनीति से पूर्ण राजनीति में आए धनंजय सिंह जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। यह जौनपुर जिले के साथ-साथ पूर्वांचल की करीब दस विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। इनकी पत्नी चंद्रकला जिला पंचायत सदस्य हैं। फिलहाल धनंजय फरार चल रहे हैं।
अमनमणि त्रिपाठी

सपा सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी की छवि भी उभरते बाहुबली नेता के तौर पर बन रही है। अमनमणि त्रिपाठी महाराजगंज की नौतनवां विधानसभा सीट से विधायक हैं। इनके पिता और मां मधुमिता कांड में आजीवन सजा काट रहे हैं। फिलहाल करीब दो विधानसभा सीटों को यह प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं
विजय मिश्रा

पूर्वांचल की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक विजय मिश्रा निषाद पार्टी से चुनाव जीते हैं। फिलहाल जेल में बंद हैं। ठेकेदारी और अन्य कार्यो की वजह से यह हमेशा चर्चा में रहते हैं। यह पूर्वांचल के भदोही सहित 6 विधानसभा सीटों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
अशोक सिंह चंदेल

हमीरपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अशोक सिंह चंदेल की छवि बाहुबली नेता की रही है। इसी तरह चंदौली जिले की सैयदरजा विधानसभा विधायक सुशील सिंह का अपने क्षेत्र में काफी दबदबा है यह दोनों नेता अपनी अपनी सीट के अलावा आसपास की तीन से चार सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं।
अभय सिंह और बृजेश सिंह

पूर्वांचल के गोसाईगंज क्षेत्र में चर्चित अभय सिंह और एमएलसी बृजेश सिंह के अलावा जय भगवान शर्मा जैसे कई नेता हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में काफी चर्चित हैं। वेस्ट यूपी में भगवान शर्मा की पहचान बड़े बाहुबली नेता के रूप में है।

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