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सिपाही भर्ती पेपर लीक में नया ट्विस्ट, परीक्षा कराने वाली कंपनी Edutest हुई ब्लैक लिस्ट

UP Police Re Exam 2024: यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कंपनी एजुटेस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। 

लखनऊJun 20, 2024 / 09:45 am

Sanjana Singh

UP Police Re Exam 2024

UP Police Re Exam 2024: सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा कराने वाली अहमदाबाद की कंपनी एजूटेस्ट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अब एजूटेस्ट को प्रदेश में किसी भी विभाग में भर्ती परीक्षा कराने का काम नहीं मिलेगा। साथ ही उसके खिलाफ कानूनी शिकंजा भी कसने की तैयारी है।

चार नोटिस भेज चुकी है एसटीएफ

गौरतलब है कि एजूटेस्ट कंपनी के संचालक विनीत आर्या को एसटीएफ चार बार नोटिस देकर बयान दर्ज एसटीएफ चार नोटिस भेज चुकी है, बयान नहीं दर्ज कराने तलब कर चुकी है लेकिन वह पेश नहीं हो रहा है। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से वह अमेरिका चला गया था। इसके बाद से लौटा नहीं है। 

पेपर लीक के मामले में कंपनी की लापरवाही के पुख्ता सबूत मिले

सूत्रों की मानें तो यदि संचालक ने लखनऊ स्थित एसटीएफ मुख्यालय आकर बयान दर्ज नहीं कराया, तो उस पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। दरअसल, एसटीएफ को सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कंपनी की लापरवाही के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। इसी आधार पर बीते चार माह से विनीत आर्या को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।
वहीं, पेपर लीक कराने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रयागराज निवासी राजीव नयन मिश्रा के बयान के आधार पर एसटीएफ ने मास्टरमाइंड सुभाष प्रकाश की तलाश भी तेज कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक सुभाष प्रकाश, राजीव नयन, रवि अत्री आदि का संगठित गिरोह है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराते हैं।
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पेपर लीक में ट्रांसपोर्ट कंपनी की भूमिका नहीं

अहमदाबाद में टीसीआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस से सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से वेयर हाउस में सेंध लगाई गई थी। पेपर का बॉक्स खोलने के लिए बिहार से डॉ. शुभम मंडल को दो बार बुलाया गया था। हालांकि, एसटीएफ को ट्रांसपोर्ट कंपनी की पेपर लीक में संलिप्तता के प्रमाण नहीं मिले हैं। जांच में सामने आया है कि पेपर की सुरक्षा का जिम्मा एजूटेस्ट कंपनी को ही संभालना था, जिसमें वह नाकाम रही।

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