सफदरजंग अस्पताल के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, घर में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज को पूरी तरह से आइसोलेट रहना चाहिए। उसके कपड़े, खाने का बर्तन, तौलिया, चादर सहित हर चीज घर के दूसरे लोगों के सामानों के साथ अलग रखी होनी चाहिए। संक्रमित मरीज को अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए ताकि हवा और धूप कमरे में आ सके। घर में मरीजों को दो से तीन बार बुखार चेक करना चाहिए। बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत हो सकती है। वहीं ऑक्सीमीटर की मदद से खून में ऑक्सीजन का लेवल भी चेक करते रहें। इसका लेवल 94 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए।
घर में भी करें मास्क का प्रयोग डॉ. जुगल ने कहा कि जरूरत हो तो घर पर भी मास्क का उपयोग करें। एक से ज्यादा मास्क रखें और पांच से सात घंटे में उसे बदलें। सैनिटाइजर से हाथ साफ करना न भूलें। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीज होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को नियमित रूप से लेते रहें। अगर आप किसी अन्य बीमारी की दवाएं लेते हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इस दौरान भरपूर नींद करें। अब क्योंकि काम की बाध्यता कम है, ऐसे में अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और अन्य लाइट एक्सरसाइज करें। शराब और धूम्रपान से भी दूर रहें।
इस स्थिति में तुरंत कराएं भर्ती होम आइसोलेशन में रहने के दौरान बुखार तेज हो जाए, सांस लेने में दिक्कत महसूस हो, ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगे या मरीज को बेचैनी, घबराहट, सिर में तेज दर्द जैसी समस्याएं हों तो तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए जाएं। घर पर अपनी इच्छा से कोई इलाज नहीं करें।