मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद अधिकारियों संग बैठक कर यह निर्देश दिए। उन्होंने एक जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामलों में प्रस्ताव जल्द तैयार कर लिए जाएं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की तैनाती करें। जहां भी जैसी आवश्यकता हो, तत्काल बताएं, पूरा सहयोग मिलेगा।
30 जून से पहले होगी ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दंड संहिता लागू करने के लिए दर्जन भर अधिनियम, नियमावली, प्रकिया, शासनादेशों में बदलाव करने होंगे। यह काम बिना देरी के किया जाए। उन्होंने कहा कि कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की विधिवत ट्रेनिंग 30 जून तक करा ली जाए। इस मामले में आम जनता को भी जागरूक करना जरूरी है।तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री के प्रण को पूरा करेंगे: योगी
नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के ये तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री के प्रण को पूरा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है। भारतीय मूल्यों के मद्देनजर संसद द्वारा पारित तीनों नए कानूनों से हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे। नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है। डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है। इसके लिए आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना विलंब किए जाएं। नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों, इसके लिए तीनों नए कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है।रिक्त पदों का ब्योरा मांगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों में रिक्त पदों का ब्योरा मांगा है। विभिन्न भर्ती आयोगों माध्यम से भरे जाने वाले पदों के संबंध में शनिवार को शाम छह बजे विभागों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। यह भी पढ़ें