मोहनलालगंज के कनकहा पर बंद रेलवे क्रांसिग को पार करते समय सुखराम (10) का पैर रेलवे ट्रैक के बीच फंस गया। वह पैर छुड़ाने की भरसक कोशिश करता रहा…पर सफल नहीं हुआ। तभी ट्रेन आ गई। फाटक के दूसरी तरफ खड़े उसके पिता भोला ने उसे तेज आवाज लगायी। गेटमैन और आसपास खड़े ग्रामीण सिहर उठे और शोर मचाने लगे।
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बदहवाश होकर बेटे को बचाने दौड़ा पिता, लोगों ने उसे रोकाभोला बदहवाश सा बेटे को बचाने के लिये ट्रैक की तरफ दौड़े, लेकिन लोगों ने पकड़ लिया। इसी बीच ट्रेन सुखराम को टक्कर मारते हुये गुजर गई।…फिर वहां सुखराम का क्षत-विक्षत शव ही दिखा। पिता भोला और वहां मौजूद लोग मासूम को ट्रेन से कटते देख सिहर उठे थे। पुलिस का कहना है कि सुखराम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी।
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ननिहाल से लौट रहा था मासूमनिगोहां के परसपुर ठठ्ठा में रहने वाला श्रमिक भवरेश्वर उर्फ भोला का बेटा सुखराम कनकहा में नानी के घर गया हुआ था। भोला शुक्रवार को उसे लेकर लौट रहा था। रास्ते में कनकहा रेलवे क्रासिंग बंद मिली। भोला ने ट्रेन गुजरने का इंतजार करने लगा। इस बीच सुखराम साइकिल से उतर कर रेलवे लाइन पार करने लगा। भोला ने बेटे को आवाज लगा कर रोकने का प्रयास किया।
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