निंबूज फ्रूट जूस है या नींबू पानी, ये सवाल अभी का नहीं बल्कि पिछले सात सालों से चर्चा में बना हुआ है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, इस पर जल्द ही सुनवाई भी होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही तय हो पाएगा कि निम्बूज फ्रूट जूस कैटेगरी में आता है या लेमोनेड (Lemonade)। बता दें यह मामला इस प्रोडक्ट की एक्साइज ड्यूटी से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा होगी। वर्ष 2015 में आराधना फूड्स नाम की एक कंपनी ने साल 2015 में यह याचिका दायर की थी। मांग थी कि निम्बूज को ‘फ्रूट पल्प या फ्रूट जूस’ कैटेगरी के बजाय नींबू पानी के रूप में वर्गीकृत किया जाए। इस पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण की इलाहाबाद पीठ के न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति पी वेंकट सुब्बा राव ने अपने फैसले में निम्बूज को फलों के रस पर आधारित कैटेगरी में रखा था।
ये भी पढ़ें : Weather: 31 मार्च तक जारी रहेगा गर्म हवाओं का कहर, मौसम विभाग ने किया अलर्ट सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीश केरेंगी फैसला अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निंबूज की कैटेगरी साफ हो जाएगी। दायर की गई याचिका पर जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्न की दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी। एक बार देश के शीर्ष अदालत द्वारा मुद्दा तय किए जाने के बाद उत्पाद पर लगने वाला उत्पाद शुल्क निर्धारित करने की समस्या का निदान हो जाएगा।