इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है। क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता। मतगणना अगर तीन हफ्ते टाल दी जाये तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा। इस पर चुनाव आयोग की ओर बताया गया कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है। अगर मतगणना टली तो कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश पांच लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों से प्रदेश वंचित हो जाएगा।
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मतदान और मतगणना का डेटा कोर्ट को दिया
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या आपने वर्तमान स्थिति का आकलन किया है? यह एक कोरोना संक्रमण की गतिशील स्थिति है? आपने नवीनतम क्या कदम उठाया है? सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि 29 अप्रैल को दिशा-निर्देशों सहित दो आदेश जारी किए गए हैं, यह पूरी तरह से चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों पर आधारित हैं। इस दौरान राज्य चुनाव आयोग ने मतदान और मतगणना का डेटा कोर्ट को दिया।
हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या एंट्री प्वाइंट पर तापमान मापने की व्यवस्था है, इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि हम सिर्फ तापमान की जांच नहीं, बल्कि ऑक्सीमीटर से SPO2 भी चेक करने की व्यवस्था है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा। हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा। साथ ही यहां सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जिसमें भी कोरोना के लक्षण दिखेंगे, उसे एंट्री नहीं दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या एंट्री प्वाइंट पर तापमान मापने की व्यवस्था है, इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि हम सिर्फ तापमान की जांच नहीं, बल्कि ऑक्सीमीटर से SPO2 भी चेक करने की व्यवस्था है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाएगा। हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा। साथ ही यहां सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जिसमें भी कोरोना के लक्षण दिखेंगे, उसे एंट्री नहीं दी जाएगी।