खुशी इस काम के लिए रुपए कैसे इकट्ठा करती हैं?
खुशी लॉ की स्टूडेंट हैं। सोशल वर्किंग में पैसे की कमी न हो इसलिए वो सोशल मीडिया और यूट्यूब पर लीगल फर्म के माध्यम से लॉ के स्टूडेंट्स को पढ़ाती हैं। इसके अलावा वो पेड प्रमोशन, NGO और लोगों की मदद से पैसे इकट्ठे करती हैं।
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खुशी ने बताया, “मैं रात को अंधेरे में साइकिल से जाने वालों को रोकती हूं। इसके बाद उन्हें समझाकर उनकी साइकिल में बैटरी से चलने वाली लाइट लगाती हूं। इसके पीछे का उद्देश्य सिर्फ यह है कि अंधेरे में दूर से आने वाले गाड़ियों के ड्राइवर को साइकिल नजर आ जाए और वह हादसे का शिकार न हों।”
खुशी ने साइकिल पर लाइट लगाने का काम कब शुरू किया?
बीते 25 दिसंबर 2022 को खुशी के नाना कैलाश नाथ तिवारी रात में साइकिल से घर लौट रहे थे। घने कोहरे की वजह से रोड पर चल रहे कार वाले को साइकिल नहीं दिखी और उसने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में खुशी के नाना की जान चली गई।
नाना की मौत से खुशी इतनी दुखी हुईं कि उन्होंने ठान लिया कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए वो जरूर कुछ करेंगी। तब उन्होंने लोगों की साइकल पर बैक साइड वाइब्रेंट लाइट लगाना शुरू किया। उनका कहना है कि जिस तरह से उन्होंने अपने नाना को खोया, कोई और अपने परिवार के किसी सदस्य को न खोए।
खुशी अब 80 युवा वॉलंटियर की टीम के साथ कर रहीं काम
खुशी ने यह काम भले ही अकेले शुरू किया हो लेकिन अब उनके साथ 80 युवा वॉलंटियर की टीम है। खुशी पाण्डेय ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि जो पहले से साइकिल लोग खरीद चुके हैं उनमें तो वो और उनकी टीम लाइट लगा देगी। लेकिन ऐसी दुर्घटना से बचने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए कि सभी साइकिलों पर ऐसी लाइट पहले से लगी हो। तभी ऐसी दुर्घटनाएं कम हो पाएंगी। इसी तरह से उनका उद्देश्य पूरा हो पाएगा।