लोकसभा चुनाव में मिली हार को भुलाकर अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव और 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले संगठन को चुस्त-दुरुस्त कर लेना चाहते हैं। गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन के बावजूद लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें मिलीं। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सपाइयों का गढ़ कहे जाने वाली कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद सीट भी गंवा दी।
चापलूस नेताओं को हटाने की मांग
समाजवादी पार्टी में निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सपा प्रमुख तत्काल प्रभाव से चापलूस नेताओं को हटाएं। समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव श्रवण कुमार त्यागी का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। त्यागी ने अपने पत्र में सपा के सभी मीडिया पैनलिस्ट को हटाने के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इनती कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। अभी उच्च पदों पर बैठे नेताओं पर कार्यवाही जरूरी है, जो सामान्य कार्यकर्ताओं से बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार करते हैं।
समाजवादी पार्टी में निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का कहना है कि सपा प्रमुख तत्काल प्रभाव से चापलूस नेताओं को हटाएं। समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव श्रवण कुमार त्यागी का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। त्यागी ने अपने पत्र में सपा के सभी मीडिया पैनलिस्ट को हटाने के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इनती कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। अभी उच्च पदों पर बैठे नेताओं पर कार्यवाही जरूरी है, जो सामान्य कार्यकर्ताओं से बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार करते हैं।