जेल से बाहर आने की प्लानिंग तो नहीं!
पीपी को जेल में 14 साल हो गए हैं। इसी बीच उसके सन्यास की घोषणा से हर किसी का माथा ठनक रहा है। लोग ये भी अंदेशा जता रहा हैं कि भगवा धारण कर वह जेल से बाहर आने की प्लानिंग कर रहा है। चर्चाएं ये भी हैं कि उसे राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है। इससे पहले वह जेल में फोन चलाता हुआ भी पकड़ा गया है। उसके कान में इयरबड्स लगे हुए थे। बताया जा रहा है कि जेल से ही वह अपना नेटवर्क चलाता था। तीन दिन पहले उसे उपचार के लिए जेल से निकालकर हल्द्वानी ले जाया गय था। उसी के अगले दिन साधुओं ने अल्मोड़ा में प्रेसवार्ता कर उसे कई मठों का मठाधीश भी नियुक्त करने को घोषणा कर दी थी।
लेनदेन के खातिर सन्यासी बनाने का एंगल
बैठक के बाद महंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि जिन संतों ने पीपी को मठाधीश या मंडलेश्वर बनाने की कार्यवाही की, उनको जांच के दायरे में लाया जाएगा। अगर जांच में ये बात साबित होती है कि पैसा लेकर महंत बनाया गया है तो कड़ी कार्रवाई होगी। कमेटी की ओर से कहा गया है कि जांच में किसी तरह का लेनदेन मिला तो दोषियों को अखाड़े से बाहर किया जाएगा।
सात सदस्यीय जांच टीम गठित
पीपी को महंत बनाने के मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी की अध्यक्षता जूना अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमगिरि महाराज करेंगे। कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा आज होगी। दो दिन पहले कुछ संतों ने अल्मोड़ा जेल में बंद पीपी को दीक्षा देकर कई मंदिरों का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद हरिद्वार में हड़कंप मच गया था। जूना अखाड़े ने मामले को संज्ञान लिया है।