करें ये उपाय ● किसी भी मजदूर से कार्य कराने के बाद उसकी मजदूरी न रखें । यदि ऐसा करते हैं। तो शनि आप पर भी कभी कृपा नहीं करेंगे। क्योंकि मजदूर एवं गरीब असहाय व्यक्ति शनि के प्रतिनिधि बनते हैं और अपने प्रतिनिधि को पीड़ा पहुंचाने वाले व्यक्ति को शनि कभी क्षमा नहीं करते हैं।
● पुरुषार्थहीन व्यक्ति कभी भी शनि की कृपा के पात्र नहीं बनते हैं। शनि स्वयं श्रम के देवता है। अतः श्रमशील एवं पुरुषार्थी व्यक्ति ही अपने परिश्रम से शनि को प्रसन्न कर भाग्य वृद्धि कर सकते हैं। हाथों में भाग्य रेखा भी शनि पर्वत पर पाई जाती है। जो इस बात का संकेत है कि परिश्रम ही भाग्य वृद्धि एवं समृद्धि का कार्य द्वार है।
● शनि की साढ़ेसाती में मदिरा एवं अन्य मादक पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें। ऐसा करने से अपनी शनि के दुष्प्रभाव में वृद्धि होती है। ● शनि को लोहे से बनी वस्तुओं कोयले इत्यादि को ना खरीदें तथा ही किसी व्यक्ति से काली वस्तुएं चमड़े का समान लोहे की वस्तुएं उपहार में दे ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव में वृद्धि होती है ।
● शनि को काले रंग की लकड़ी की बांसुरी में चीनी भरकर किसी निर्जन एकांत में मिट्टी में गड्ढा खोदकर उस बांसुरी को दबाकर ऊपर से मिट्टी द्वारा ढकते यह प्रयोग एक बार ही करें।
● शनिवार को सरसों काले तिल 50-50 ग्राम लेकर आपस में मिला ले। इन पर सरसों के तेल का छींटा देकर अपने ऊपर सात बार उतार कर नदी या तालाब या जलाशय में डालें यह प्रयोग माह में एक बार करते रहे।
● शनिवार को शिव मंदिर में अपने हाथ से साफ सफाई करें तथा शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर ओम नमः शिवाय का एक माला जाप करें।