आरएलडी विधायक दल के प्रमुख राजपाल बालियान ने कहा, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 फरवरी को सुबह 11 बजे लखनऊ में भाजपा सहयोगियों के विधायक दलों की बैठक बुलाई है, इसमें अगले दिन राज्यसभा चुनाव में मतदान की रणनीति पर चर्चा की जाएगी और हम इसमें शामिल होंगे।”
आरएलडी के सभी नौ विधायक आज यानी 25 फरवरी को मथुरा में अपने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) से मुलाकात करेंगे। बलियान ने यह भी कहा, “पार्टी में असंतोष की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और हमारे सभी विधायक बीजेपी उम्मीदवारों को वोट देंगे।”
आरएलडी विधायकों के बीच असंतोष की खबरें उन खबरों के बाद आईं कि एसपी तीन आरएलडी विधायकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है, जो पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में थे और अभी भी उनका अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ अच्छा तालमेल है।
राम मंदिर के ‘दर्शन’ के लिए सरकार द्वारा सभी विधायकों के लिए आयोजित हालिया अयोध्या यात्रा में आरएलडी के तीन विधायकों की अनुपस्थिति ने ऐसी अटकलों को और बढ़ा दिया है। हालांकि, जयंत चौधरी ने अपने विधायकों के बीच असंतोष की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने अपने दिल्ली आवास पर देखे गए सभी नौ विधायकों की तस्वीरें जारी कीं।
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राज्य की 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के आठवें उम्मीदवार की जीत की कुंजी आरएलडी विधायकों के पास है। यूपी विधानसभा में अपनी ताकत के आधार पर, भाजपा और मुख्य विपक्षी सपा दोनों को सात और तीन राज्यसभा सीटें जीतने में कोई समस्या नहीं होगी। हालांकि, भाजपा के आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ के मैदान में उतरने से 10वीं सीट के लिए मतदान की आवश्यकता हो गई है, क्योंकि अब 11 प्रतियोगी हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि भले ही बीजेपी को अपने मौजूदा सहयोगियों (आरएलडी के नौ विधायकों को छोड़कर) के सभी विधायकों के वोट मिल जाएं, फिर भी सत्तारूढ़ दल अपने आठवें उम्मीदवार को निर्वाचित कराने के लिए पर्याप्त संख्या में पीछे रह सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा सपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के बाद भी सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार को निर्वाचित कराने के लिए दो वोटों की कमी हो सकती है।