वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने बताया कि पत्र के माध्यम से नई बीमा योजना के लिए एलआईसी से विभाग बात कर रहा है। एलआईसी की तरफ से प्रस्तावित पॉलिसी का ब्योरा भी विभाग को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पॉलिसी के तहत न्यूनतम बीमा राशि एक लाख रुपये बीमा होगी। हालांकि शिक्षक और कर्मचारियों को 5 लाख या उससे अधिक का ऑप्शन भी दिया जाएगा। जबकि अधिकारी 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की पॉलिसी का ऑप्शन ले सकेंगे।
यह भी पढ़े – बाढ़ प्रभावित 12 जिलों को मिलेगा 876 करोड़ का मुआवजा : सीएम योगी इस तरह तय होगा प्रीमियम उन्होंने बताया कि नई पॉलिसी में प्रीमियम का भुगतान वेतन से काटा जाएगा। इस तरह का प्रस्ताव बनाया गया है। इस तरह शिक्षक, कर्मचारी या फिर अधिकारी जितने की पॉलिसी लेंगे, उसी के अनुसार कटौती की जाएगी। हालांकि इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा मिलने के बाद लिया जाएगा।
यह भी पढ़े – अभी विदा नहीं होगा मानसून, इन जिलों में सप्ताह भर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी पूर्व में बंद पॉलिसी में चल रही पैसा वापसी की प्रक्रिया बताया जा रहा है कि नई पॉलिसी को 2014 में बंद समूह बीमा पॉलिसी का ऑप्शन है। पूर्व बीमा पॉलिसी के नाम पर शिक्षकों के वेतन से प्रति माह 87 रुपये की कटौती की जाती थी। यह पॉलिसी 2014 में बंद हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही थी। हालांकि अब कटौती बंद कर दी गई है। जबकि पैसा वापसी की प्रक्रिया जारी है और नई पॉलिसी की कवायद तेज हो गई है।