खुशखबर : लखनऊ से इन 8 शहरों के लिए 15 जून से चलेंगी एसी बसें, 13 जून से बुकिंग शुरू कोरोना भी देवी माता का एक रूप :- बताया जा रहा है कि सांगीपुर थाना इलाके के जूही शुकुलपुर में कोरोनावायरस से तीन मौतें हो गईं थी। जिससे भयभीत होकर ग्रामिणों ने आपसी सहमति से 7 जून को गांव में एक नीम के पेड़ के नीचे कोरोना माता की मूर्ति स्थापित की और सुबह-शाम आरती करने लगे थे। इस बारे में ग्रामीणों का कहना है कि, पूर्वजों ने चेचक को माता शीतला का स्वरूप माना था और अब कोरोना भी देवी माता का ही एक रूप हैं।
विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर, दावा :- गांव वाले बताते हैं कि, यह यह विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर है। हालांकि इस तरह का कोरोना माता मंदिर केरल और तमिलनाडु के कोयंबटूर में कामचीपुरम इलाके में भी बना है। मंदिर में प्रवेश के लिए बनाए गए नियम, लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूकता का संदेश दे रहे हैं। मंदिर की दीवारों पर लिखा गया हैं कि कृपया दर्शन से पूर्व मास्क लगाएं, हाथ धोएं, दूर से दर्शन करें वरना…।
पीले रंग का ही चढ़ावा चढ़ाएं :- इसके साथ ही कुछ और निर्देश और लिखे गए हैं, जिसमें सेल्फी लेते समय मूर्ति को न छुएं तो दूसरी तरफ कृपया पीले रंग का ही फूल, फल, वस्त्र, मिठाई, घंटा आदि चढ़ाएं। पर मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने को पहुंच रहे हैं।
एक व्यक्ति को हिरासत में :- जिला प्रशासन की नजर जब यह बात आई तो वह अलर्ट हो गया और शुक्रवार रात को पुलिस प्रशासन ने मंदिर को ढहा दिया और कोरोना माता की बनी प्रतिमा को थाने उठा लाई। मंदिर बनवाने वाले एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। जांच शुरू हो गई है।