लखनऊ. राजनीति में सत्ता और कुर्सी से बड़ा कुछ नहीं। नए दौर में सियासत रिश्तों पर भारी पड़ रही है। पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में इसके कऔ रंग देखने को मिल रहे हैं। टिकट के लिये किसी ने अपनों से रिश्ता तोड़ लिया तो किसी ने परिवार से बगावत कर ली। यहां तक कि घर के झगड़े बाहर आ गए। पंचायत चुनाव में बगावत की तपिश ने बड़े-बड़े सियासी परिवारों को बेचैन कर दिया है। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव का ट्रेलर माने जा रहे पंचायत चुनाव में बता रहे हैं कि विधायकी के चुनाव में सियासत का रंग कितना चटख होने वाला है।
देश के सबसे बड़े सियासी कुनबे मुलायम (Rebell in Mulayam Singh Yadav Family) परिवार में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव (Sandhya Yadav) ने ही बगावत कर दी है। उन्होंने घिघोर तृतीय वार्ड से भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया। संध्या मुलायम सिंह यादव के बड़े भाऔ अभयराम सिंह की बेटी और धर्मेंद्र यादव की सगी बहन (Dharmendra Yadav Sister) हैं। कहा जा रहा है कि इस बगावत के निशान इतने गहरे हैं कि सैफऔ परिवार की राजनीति पर दूर तक इसका असर महसूस किया जाएगा।
सूबे के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) और उनके भाऔ पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय (Mukul Upadhyay) के बीच का झगड़ा टिकट को लेकर मीडिया में आ चुका है। भाजपा ने मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय (BJP Candidate Ritu Upadhyay) को हाथरस जिले के जिला पंचायत वार्ड नंबर 14 से टिकट दे दिया, जिसके बाद उनके बड़े भाऔ पूर्व मंत्री रामवीर चौधरी न सिर्फ खफा हुए बल्कि प्रेस कांफ्रेंस कर सरेआम छोटे भाऔ पर कऔ गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एेलान कर दिया कि छोटे भाऔ की पत्नी के मुकाबले में उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय (Seema Upadhyay) चुनाव लड़ेगी।
उधर भदोही जिले की भदोही विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रविंद्र त्रिपाठी (BJP MLA Ravindra Tripathi) के रिश्तेदारों ने ही उनकी मुसीबत बढ़ाने का काम किया है। भाजपा से टिकट न मिलने पर विधायक के नाराज भाऔ और दो भतीजों ने भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोक दी। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि विधायक अलग हैं और वह लोग अलग। सबके कारोबार अलग-अलग हैं।
इसी तरह भदोही में ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तीन बर पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके देवेंद्रनाथ दुबे (Congress Leader Devendranath Dubey) की बहु को भाजपा ने टिकट दे दिया तो उन्होंने बहु रेनु दुबे के लिये पार्टी से अपना 40 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया। इस सीट से कांग्रेस ने शकुंतला को प्रत्याशी बनाया है। देवेंद्रनाथ दुबे का कहना था वह अपनी बहु की इस नऔ शुरुआत के साथ हैं।