यह भी पढ़े – CM योगी आज करेंगे मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ, नर्सिंग-पैरामेडिकल छात्रों को होगा लाभ सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान बता दें कि केंद्र की आयुष्मान योजना में जहां मरीजों के लिए सिर्फ जनरल वार्ड का ही प्रावधान है। वहीं योगी सरकार की इस स्कीम में जनरल के साथ ही सेमी प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की भी व्यवस्था है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं। लेकिन इसकी कनेक्टिविटी अभी तक आयुष्मान योजना के पोर्टल से नहीं हो सकी है। जिसके कारण ऑफलाइन यानी ईमेल के जरिए इलाज के सारे कागजात और फोटो मंगवाए जा रहे हैं। इन्हीं के सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान किया जा रहा है।
यह भी पढ़े – लखनऊ में डेंगू मरीजों का टूटा रिकॉर्ड, नोएडा-गाजियाबाद में भी कहर, एक दिन में सर्वाधिक मामले हेल्थ कार्ड वालों के लिए बनाई गई ये सुविधा दरअसल जिन लोगों का हेल्थ कार्ड बना है, कर्मचारी या पेंशनर के पे-बैंड को देखकर उसकी अर्हता के हिसाब से उसे जनरल, सेमी प्राइवेट या प्राइवेट वार्ड में रखने की सुविधा दी गई है। ऐसे में अस्पताल को कर्मचारी या पेंशनर का हेल्थ कार्ड पर अंकित नंबर योजना के पोर्टल पर डालते ही चल जाता है। हालांकि प्रदेश सरकार की कैशलेस योजना के तहत अभी पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनर यूपी के सरकारी या निजी अस्पतालों में ही इस कैशलैस इलाज की सुविधा का लाभ ले सकेंगे।