दूसरे अस्पताल में मरीज का 125 रुपये में हो गया इलाज
सीएम योगी को लिखे पत्र में मरीज के परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने शहर के नामी अस्पताल में इलाज करवाने में असमर्थता जताई तो उनसे अभद्रता की गई। बड़ी मुश्किल से मरीज को छोड़ा गया। तीमारदार ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत करते हुए अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी पढ़ें
सीएम योगी की कैबिनेट के दो मंत्री देंगे इस्तीफा, इन सीटों पर फिर कराया जाएगा उपचुनाव?
दूसरी ओर, जिस मरीज की नामी अस्पताल में जान को खतरा बताकर परिजनों से इलाज के लिए आठ लाख रुपये मांगे गए। उसे दूसरे निजी अस्पताल ने मात्र 125 रुपये की दवा देकर ठीक कर दिया। मरीज को गैस की समस्या थी। जबकि शहर के बड़े नामी अस्पताल के डॉक्टर मरीज के वॉल्व बदलने की बात कर रहे थे।सीएम योगी को लिखे पत्र में परिजनों ने क्या बताया?
लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी निवासी मोहन स्वरूप भारद्वाज ने सीएम योगी को शिकायती पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बताया “निवेदन यह है कि मैं पेशेंट मोहन स्वरूप भारद्वाज उम्र 45 साल, 23 मई को लगभग शाम साढ़े चार बजे घर में चक्कर आने से गिर गया। इस दौरान मेरे शरीर से पसीना निकलने लगा। आनन फानन में मेरे भाई और पत्नी मुझे लेकर मेदांता अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. महिम सरन (कार्डियोलॉजी) और डॉ. अवनीश (कार्डियोलॉजी) ने मेरी एंजियोग्राफी के साथ अन्य जांचें कराईं। जांच होने के बाद मेरे भाई और मेरी पत्नी से आठ लाख रुपये की डिमांड की। इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि पेशेंट के हार्ट में छल्ला पड़ेगा। तीस मिनट के अंदर रुपये की व्यवस्था नहीं हुई तो ये मर जाएंगे।” यह भी पढ़ें