कानून व्यवस्था बनाए रखने को लिया गया फैसला
न्यायालय संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), लखनऊ में लोक शान्ति व्यवस्था बनाये रखने तथा आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु संस्थित निम्नलिखित वाद संख्या से सम्बन्धित विपक्षीगण के विरुद्ध न्यायालय में उ०प्र० गुण्डा नियंत्रण अधि0-1970 की धारा-03 के तहत सुनवाई के दौरान विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी द्वारा अपने तर्कों के माध्यम से विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों का पुरजोर विरोध करते हुये विपक्षीगण को लखनऊ की सीमा से निष्कासित (जिला बदर) किया जाना उचित बताया गया। अभियोजन पक्ष के तर्कों व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से संतुष्ट होते हुए आज दिनांक-25.09.2024 को खुले न्यायालय में विपक्षीगण के आपराधिक कृत्यों पर अंकुश लगाये जाने के क्रम में उ०प्र० गुण्डा नियंत्रण अधिनियम-1970 की धारा 03 के तहत गुण्डा घोषित करते हुए लखनऊ सीमा से निष्कासित (जिला बदर) किये जाने का आदेश पारित किया गया।
क्या होता है जिला बदर
जिला बदर का आशय है कि किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल व्यक्ति को कुछ समय के लिए उसके निवास स्थान वाले जिले से बाहर कर दिया जाना। जिला बदर की कार्रवाई का उद्देश्य कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले लोगों को रोकना होता है। इस दौरान, अपराधी को जिले और उसके आस-पास के जिलों की सीमाओं से बाहर रहना होता है। जिला बदर का उल्लंघन करने पर राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो साल तक की जेल हो सकती है।