उत्तर प्रदेश में विधायक निधि बहाल, मिले 3 करोड़ रुपए नवीनतम तकनीक की मशीनों का प्रदर्शन :- सहायक चीनी आयुक्त डीपी मौर्य ने बताया कि, महोत्सव में पहली बार गुड़ व चीनी बनाने वाली नवीनतम तकनीक की मशीनों का प्रदर्शन होगा। गुजरात राज्य की अहमदाबाद, राजकोट, कानपुर के शुगर टेक्नोलॉजी संस्थान, समेत महाराष्ट्र, पंजाब के विशेषज्ञ अपने संस्थान की मशीनों की तकनीक की जानकारी देंगे। महोत्सव सात मार्च तक चलेगा। राज्य गुड़ महोत्सव में गन्ना किसानों को भी बुलाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों से संवाद करेंगे।
गुड़ परंपरा का अटूट हिस्सा :- यूपी सहित पूरे भारत में गुड़ परंपरा का अटूट हिस्सा है। पूजा की थाली से लेकर खाने की थाली बिना गुड़ के अधूरी है। चरक संहिता में भी गुड़ के औषधीय गुणों का जिक्र है। गुड़ में में आयरन, कैलसियम और जरूरी मिनरल मिलते हैं। गुड़ स्वस्थ के लिए लाभकारी होता है, त्वचा के लिए गुणकारी होता है। हड्डियों को मजबूत बनाता है। श्वसन संबंधी बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। खून की कमी दूर करता है और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है।
लघु एवं कुटीर उद्योगों में गुड़ का उत्पादन :- अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय भूसरेड्डी ने बताया कि गुड़ महोत्सव का मकसद लोगाें को गुड़ के औषधीय लाभ के प्रति जन को जागरूक करने के साथ गुड़ उत्पादकों को गुणवत्ता के गुड़ और उसके प्रसंस्कृत उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित करना है। यह महोत्सव गुड़ उत्पादकों, तकनीशियन, मशीनरी निर्माताओं एवं क्रेताओं के बीच बेहतर तालमेल का जरिया बनेगा। इस आयोजन से किसानों के साथ ही ओडीओपी को भी बढ़ावा मिलेगा। उत्तर प्रदेश में गुड़ का उत्पादन स्थानीय स्तर के लघु एवं कुटीर उद्योगों में होता है।
ओडीओपी में तीन जिले :- गुड़ निर्माण और व्यवसाय में यूपी में मुजफ्फरनगर, अयोध्या व लखीमपुर खीरी को एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है। वर्तमान में यूपी में कुल 365 गुड़ एवं खाण्डसारी इकाईयां और 5650 कोल्हू क्रेशर संचालित हैं। गुड़ महोत्सव में सोंठ, सौंफ, इलायची, तिल, मूंगफली, काजू, बादाम, केसर युक्त गुड़ एवं गुड़ के गुलगुले, गुड़ की खीर, गुड़ की अमृता चाय, गुड़ का लड्डू, गुड़ की कुल्फी, गुड़ का जलेबा, गुड़ का हलवा, गुड़ का मीठा पोंगल, आदि मुख्य आकर्षण हैं।