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महिला दारोगा पहले से ही छेड़छाड़ के एक मामले में मुकदमा दर्ज करवा चुकी थी। इसी केस को वापस लेने के लिए बदमाशों ने उसे धमकाया। बताया जा रहा है कि इस पूरी साजिश के पीछे अंशुमान नामक व्यक्ति है, जो हंडिया का रहने वाला है। अंशुमान लगातार पीड़िता को फोन कर परेशान करता था और उसे केस वापस लेने की धमकियां देता था।घटना की पूरी कहानी
11 सितंबर की रात को महिला दारोगा के घर का दरवाजा खटखटाया गया। जब वह बाहर आई, तो बदमाशों ने उसे जबरदस्ती कार में बैठा लिया और उसे धमकाया कि अगर उसने केस वापस नहीं लिया तो उसके लिए बुरा होगा। दो लोगों ने कार में बैठाकर उसे मानसिक रूप से परेशान किया और बार-बार केस वापस लेने का दबाव बनाया। यह भी पढ़ें
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महिला दारोगा ने इस दौरान हिम्मत दिखाई और अपने भाई और डायल-112 पर सूचना दी। जब पुलिस को मामले की जानकारी मिली, तो बदमाश महिला दारोगा को छोड़कर मौके से फरार हो गए। इसके बाद, पीड़िता ने तुरंत बीबीडी कोतवाली में घटना की शिकायत दर्ज कराई।पुलिस की कार्रवाई
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पुलिस टीमें जुट गई हैं। यह भी पढ़ें
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यह घटना लखनऊ पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, क्योंकि पीड़िता खुद एक पुलिस अधिकारी है, जो अपराधियों द्वारा धमकाई गई है। यह मामला न केवल महिला सुरक्षा बल्कि पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के सवाल भी खड़े कर रहा है।पिछली घटनाओं का लिंक
पुलिस ने यह भी पाया है कि अंशुमान नामक व्यक्ति पीड़िता को पहले से ही फोन कर परेशान कर रहा था। वह लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा था। हालांकि, महिला दारोगा ने मामले को गंभीरता से लिया और एफआईआर दर्ज करवाई। अब पुलिस उस शोहदे और उसके साथियों की तलाश में जुटी है, जिन्होंने यह घिनौनी हरकत की है।महिला सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना लखनऊ में महिला सुरक्षा के हालात पर सवाल खड़े करती है। जब एक महिला पुलिस अधिकारी ही इस तरह के अपराध का शिकार हो सकती है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। इस मामले से यह भी स्पष्ट हो गया है कि किस तरह से कुछ लोग कानून को हाथ में लेकर पुलिस अधिकारियों पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी पढ़ें