बीजेपी और आरएलडी के साथ आने से वेस्ट यूपी के अधिकतर जिलों में जाटों का बिखराव नहीं होगा। जिससे दोनों दल सपा, कांग्रेस, बसपा के कोर वोटर में सेंधमारी के लिए जोर आजमाइश की करेंगे।
वेस्ट यूपी की बागपत, कैराना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बिजनौर, नोएडा, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, पीलीभीत, बरेली, आंवला, बदायुं, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, आगरा, अलीगढ़, हाथरस सीटों पर जाट वोटर हैं। इनमें अधिकतर सीटों पर जाट वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
माना जाता है कि जाटों का झुकाव सबसे ज्यादा रालोद की तरफ रहता है। लेकिन पिछले दो बार से लोकसभा और विधानसभा चुनावों में काफी सीटों पर जाटों में बिखराव भी देखने को मिला और उससे चुनाव नतीजे भी बदले। मगर अब भाजपा और रालोद के गठबंधन हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जाटों का बिखराव होना मुश्किल है।
योगी कैबिनेट का रविवार को विस्तार हो सकता है। दोनों दलों में गठबंधन होने के वजह से जयंत के दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। जिसके लिए रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत ने जातीय फार्मूला बनाया है और उन विधायकों के नाम तय हो गए हैं, जिनको मंत्री बनवाया जाना है। सूत्रों के अनुसार राजपाल बालियान, अशरफ अली और प्रदीप गुड्डू में दो की किस्मत खुल सकती है।