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लखनऊ

यूपी के पूर्वी और पश्चिमी तराई क्षेत्रों में भारी बारिश का मचेगा तूफान, कई जिलों में बाढ़, मौसम विभाग का नया अपडेट

UP Heavy Rainfall: उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी तराई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। मौसम विभाग ने भारी बारिश और तूफान का अलर्ट जारी किया है, जो प्रदेश के कई जिलों को प्रभावित करेगा। विशेष रूप से बहराइच, शाहजहांपुर, गोंडा, और बाराबंकी में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है। प्रशासन और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

लखनऊSep 17, 2024 / 09:53 am

Ritesh Singh

UP Heavy Rainfall

UP Heavy Rainfall: उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी तराई क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई, जिसमें सबसे ज्यादा 33.6 मिमी बारिश बहराइच में रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, मंगलवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लखनऊ में आंशिक बादल छाए रहेंगे और एक-दो बार बारिश की संभावना है। दिन का तापमान 34 डिग्री और रात का तापमान 28 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद है।
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शाहजहांपुर में बाढ़ की स्थिति

शाहजहांपुर में गंगा और रामगंगा नदियों में बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की स्थिति और भी बिगड़ गई है। बाढ़ के पानी से सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। शाहजहांपुर के शमसाबाद और जलालाबाद जैसे इलाकों में पानी का तेज बहाव स्टेट हाईवे और संपर्क मार्गों को प्रभावित कर रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी भरता जा रहा है।
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गोण्डा में बाढ़ का कहर

गोण्डा जिले के कर्नलगंज और तरबगंज तहसील के तीन दर्जन से अधिक गांवों में बरसात और नेपाल से छोड़े गए पानी के चलते बाढ़ का पानी घुस गया है। करीब 50,000 लोग इस बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। देवरिया के माझा कम्हरिया और अन्य गांवों में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा

रामसनेही घाट तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि से आधा दर्जन गांवों में पानी भरने लगा है। इस कारण तराई के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है, लेकिन बाढ़ की तेजी से लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

नदियों का बढ़ता जलस्तर और नुकसान

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते नानक सागर डैम और अन्य बैराजों से छोड़े गए पानी ने कई नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है। शाहजहांपुर के तिलहर क्षेत्र में दियूनी और नानक सागर डैम से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। खीरी जिले के पलियाकलां में शारदा और सुहेली नदियों के जलस्तर में कमी के बाद सोमवार से सड़क मार्ग बहाल किया गया है, लेकिन निघासन तहसील के कई गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। बैलहा ग्राम पंचायत के ठाकुर पुरवा जैसे गांवों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

प्रशासन और ग्रामीणों की तैयारियां

प्रशासन लगातार प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चला रहा है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, और लोगों को खाने-पीने के सामान की भारी किल्लत हो रही है। बाढ़ का पानी गांवों में फैलने के कारण आवागमन भी ठप हो गया है, जिससे लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। शाहजहांपुर, गोंडा, और बाराबंकी जैसे जिलों में प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश ने बाढ़ की स्थिति को भयावह बना दिया है। प्रशासन और ग्रामीणों के सामने चुनौती यह है कि कैसे बाढ़ के पानी से निपटा जाए और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। प्रशासन ने सभी प्रभावित जिलों में अलर्ट जारी किया है और राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है।

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