इसके तहत इसी साल यूपी में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतरने की संभावना है। इसके बाद जुलाई 2024 से अगस्त 2027 के बीच प्रदेश में स्थापित हो रहे दस नये तापीय बिजली परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन परियोजनाओं के उत्पादन से जुड़ जाने पर यूपी की बिजली उत्पादन क्षमता में 5255 मेगावाट का इजाफा हो जाएगा।
बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिश प्रदेश को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की है। इस साल प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश धरातल पर उतरने की संभावना है। निवेश परियोजनाओं के लिए बिजली की मांग भी बढ़ेगी। जिसे देखते हुए दस तापीय बिजली परियोजनाओं से बिजली उत्पादन शुरू हो जाने से बड़ी राहत मिलेगी। 2030 तक प्रदेश की मौजूदा तीन इकाइयों की क्षमता में विस्तार करके 5120 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी शुरू किया जाएगा। यह भी पढ़ें
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तीन इकाइयों से जुलाई में ही उत्पादन शुरू हो जाएगा
प्रदेश में जिन 10 नये तापीय बिजली परियोजनाओं को शुरू करने की कवायद चल रही है। उनमें से 660 मेगावॉट की जवाहरपुर यूनिट-दो, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट एक तथा 660 मेगावॉट की पनकी की एक इकाई से जुलाई 2024 में ही उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। इसके अलावा 660 मेगावॉट की ओबरा-सी यूनिट-दो सितंबर 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-दो दिसंबर 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-तीन मार्च 2025 तक, 396 मेगावॉट की खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-एक और 396 मेगावॉट की यूनिट-दो मई 2025 तक, 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज श्री यूनिट-एक अगस्त 2027 तक उत्पादन से जोड़ दी जाएंगी।