फिलीपींस भेजे जाते थे सिम
एसटीएफ जांच में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य गांवों में जाकर आयुष्मान कार्ड बनवाने का झांसा देकर लोगों के बायोमैट्रिक हासिल करते थे। उसके बाद उस बायोमैट्रिक से सिम खरीदकर उसे एक्टिवेट किया जाता था। एक्टिवेशन के बाद सिम को फिलीपींस में बैठे राजू सुल्तान नाम के सरगना के पास भेजा था। राजू इसकी एवज में मोटी धनराशि दोनों महिलाओं को भेजता है। आरोपी महिलाओं के मोबाइल फोन में दून के पीड़ित से ठगी में प्रयुक्त में कई बैंक खातों, सिम कार्ड की जानकारी विदेश भेजने का पता लगा है। ये भी पढ़ें:- पूर्व IAS की कोठी से 50 करोड़ की चोरी की जांच को नैनीताल आएंगे अभिताभ ठाकुर