लखनऊ

Forest Fire: अल्मोड़ा में चार वन कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौत, जंगल की आग ने मचाई भारी तबाही

Forest Fire: जंगल की आग में वन विभाग के चार कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई है, जबकि चार लोग आग में झुलस गए है। घटना अल्मोड़ा जिले के बिंसर सेंचुरी क्षेत्र के जंगल की है। यहां गुरुवार को लगी भीषण आग बुझाने के लिए वन कर्मचारी पहुंचे थे।

लखनऊJun 13, 2024 / 08:16 pm

Vishnu Bajpai

Forest Fire: अल्मोड़ा में चार वन कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौत, जंगल की आग ने मचाई भारी तबाही

Forest Fire in Uttarakhand: उत्तराखंड में जंगलों की आग अब जानलेवा हो गई है। अल्मोड़ा जिले के बिनसर के जंगल में गुरुवार दोपहर को लगी आग बुझाने के लिए गए चार वन कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई। आग इतनी भयानक थी कि उसकी चपेट में आने से चार अन्य वन कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए हैं। झुलसे वन कर्मियों को रेस्क्यू कर अल्मोड़ा बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के अल्मोड़ा क्षेत्र स्थित बिनसर के जंगल में गुरुवार दोपहर भीषण आग लग गई। सूचना पर दोपहर करीब ढाई बजे आठ वन कर्मचारी आग बुझाने पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि आग सड़क से नीचे लगी थी। इसके चलते टीम को आग बुझाने के लिए ढलान से नीचे जाना पड़ा। इसी दौरान आग ने विकराल रूप ले लिया। इस दौरान वन कर्मचारी पहाड़ पर तीखी चढ़ाई होने की वजह से ऊपर नहीं पहुंच सके और वे आग की चपेट में आ गए। इससे चार कर्मचारियों की जिंदा जलने से मौत हो गई।
Forest Fire: अल्मोड़ा में चार वन कर्मचारियों की जिंदा जलकर मौत, जंगल की आग ने मचाई भारी तबाही

आग से घिरे कर्मचारियों की मदद को दौड़े ग्रामीण

बताया जा रहा है कि आग से बुरी तरह घिरे वन कर्मियों की मदद को चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मदद करने को दौड़ पड़े थे। ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत के बाद जंगल की आग की लपटों में फंसे चार वनकर्मियों को बमुश्किल सुरक्षित बाहर निकाल। बुरी तरह से झुलसे वन कर्मियों को नजदीकि अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेस में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि चारों घायलों की स्थिति काफी गंभीर हैं। एक 80 प्रतिशत तक जला है, जबकि अन्य तीन भी 40 से 50 फीसदी जले हैं। इन्हें बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।
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आग बुझाते समय इन कर्मचारियों की हुई मौत

  1. दीवान राम 35 साल, फॉरेस्टगार्ड निवासी भेटुली आयरपानी अल्मोड़ा।
  2. करन आर्या 21 साल, फायर वाचर, निवासी भेटुली आयरपानी अल्मोड़ा।
  3. त्रिलोक मेहता 56 साल, फॉरेस्ट गार्ड, निवासी बाड़ेछीना अल्मोड़ा।
  4. पूरन मेहरा, उम्र 50 साल, निवासी कलौन धौलछीना अल्मोड़ा।

ये कर्मचारी गंभीर रूप से झुलसे

  1. कृष्ण कुमार- 21 साल पुत्र नारायण राम, निवासी आयारपानी। -80 फीसदी जला है। फायर वॉचर
  2. भगवत सिंह भोज 38 साल, पुत्र बचे सिंह, चालक निवासी अयारपानी
  3. कुंदन नेगी 44 साल, पुत्र प्रताप सिंह नेगी, खाकरी अल्मोड़ा, पीआरडी जवान
  4. कैलाश भट्ट 44 साल, पुत्र बद्री दत्त भट्ट, घनेली अल्मोड़ा दैनिक श्रमिक

अल्मोड़ा से रानीखेत तक धधके जंगल, घर जले

जिले भर के जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। वन विभाग के जंगल हों या पंचायत के चारों ओर आग लगी हुई है। मंगलवार रात और बुधवार को जिले में 12 से अधिक वनाग्नि की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वनाग्नि की घटना से स्यूरा पैस्यारी कोसी में वनाग्नि की चपेट में बाखली आ गई। वहीं रानीखेत में आग से झुलसे पेड़ गिरने से आवाजाही बाधित हो गई। पुलिस के मुताबिक मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे कोसी के जंगलों में लगी आग हवालबाग विकासखंड के स्यूरा पैस्यारी गांव तक पहुंच गई। जंगल की आग तेजी से रिहायसी इलाके की ओर बढ़ने लगी।
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दो मंजिला आवासीय मकान भी आग की भेंट चढ़ा

देखते ही देखते आग ने एक दो मजिला आवासीय मकान (बाखली) को अपनी चपेट में ले लिया। बाखली में धधकी आग को देख आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। आग लगने की सूचना फायर सर्विस को दी गई। सूचना मिलते ही अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्र के निर्देशन में फायर सर्विस टीम ने मौके पर पहुंच एमएफई से पंपिंग कर तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक बाखली में रखा सामान जलकर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि मकान में रखा घरेलू सामान, लकड़ी, तख्ते, बल्ली आग की भेट चढ़ गए। टीम में उमेश सिंह, देवेंद्र गिरी, भुवन कुमार, कैलाश सिंह, कल्पना, लीला रहे।

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