हड़ताल के वक्त कई राजस्व अभिलेख लेखपालों के पास होने के कारण आय, जाति, निवास आदि महत्वपूर्ण प्रमाण पत्रों में रिपोर्ट नहीं लग पा रही थी, जिससे प्रमाण पत्र निर्गत करना संभव नहीं हो रहा था है। अब हड़ताल पर गये लेखपालों से राजस्व अभिलेख लेकर उसे वैकल्पिक तौर पर अमीन, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी एवं कानूनगो को देकर उनसे रिपोर्ट लगवाई जाएगी। यदि हड़ताल पर गया कोई लेखपाल राजस्व रिकॉर्ड वापस नहीं करता हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
ये लेखपाल हुए निलंबित
निलंबित किये गये लेखपालों में अवधेश कुमार तिवारी जिला अध्यक्ष लेखपाल संघ औरैया, अशोक दोहरे जिला मंत्री लेखपाल संघ औरैया, स्वदेश श्रीवास्तव जिला उपाध्यक्ष लेखपाल संघ औरैया, अजीतमल के तहसील अध्यक्ष धर्मवीर एवं महामंत्री संतोष कुमार शामिल हैं।
निलंबित किये गये लेखपालों में अवधेश कुमार तिवारी जिला अध्यक्ष लेखपाल संघ औरैया, अशोक दोहरे जिला मंत्री लेखपाल संघ औरैया, स्वदेश श्रीवास्तव जिला उपाध्यक्ष लेखपाल संघ औरैया, अजीतमल के तहसील अध्यक्ष धर्मवीर एवं महामंत्री संतोष कुमार शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने दिया था ये निर्देश
लेखपालों की हड़ताल से बेहाल जन समस्याओं को देखते हुए कुछ दिन पहले जनपद में आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन से दो टूक शब्दों में कहा था कि यदि हड़ताल पर गए लेखपाल कार्य पर वापस नहीं लौटते हैं तो उनके राजस्व रिकॉर्ड जमा कराकर उन्हें छुट्टी दे दी जाए। इस सरकार में किसी भी प्रकार की जन समस्या को उत्पन्न नहीं होने दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने भी मुख्यमंत्री के सख्त तेवर अपनाते हुए लेखपालों पर बड़ी कार्यवाही की है। अब देखना है कि अन्य लेखपाल हड़ताल से वापस आते हैं या फिर अपनी मांगों पर अडिग रहते हैं।
लेखपालों की हड़ताल से बेहाल जन समस्याओं को देखते हुए कुछ दिन पहले जनपद में आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन से दो टूक शब्दों में कहा था कि यदि हड़ताल पर गए लेखपाल कार्य पर वापस नहीं लौटते हैं तो उनके राजस्व रिकॉर्ड जमा कराकर उन्हें छुट्टी दे दी जाए। इस सरकार में किसी भी प्रकार की जन समस्या को उत्पन्न नहीं होने दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने भी मुख्यमंत्री के सख्त तेवर अपनाते हुए लेखपालों पर बड़ी कार्यवाही की है। अब देखना है कि अन्य लेखपाल हड़ताल से वापस आते हैं या फिर अपनी मांगों पर अडिग रहते हैं।
लेखपालों की हड़ताल से नहीं हो रहे थे ये काम
किसी छात्र को अपना एडमिशन किसी कॉलेज में करवाना होता है या फिर जब किसी छात्र का सरकारी नौकरी में चयन हो जाता है और उसे विभाग के सभक्ष अपना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना होता है तो उसे सामान्यतः आय, जाति, निवास आदि प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। इन प्रमाण पत्रों के बिना न तो उसका कॉलेज में एडमिशन हो सकता है और न ही उसे नौकरी मिल सकती है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इन प्रमाण पत्रों की जरूरत केवल छात्रों को ही है। इसकी जरूरत सभी गरीब, निराश्रित, असहाय, अपेक्षित, निर्बल लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में भी होती है। परन्तु कुछ महीनों से आय दिन सैकड़ों फरियादी जरूरी प्रमाण पत्र बनवाने तहसील आते पर लेखपालों के हड़ताल पर होने की वजह से खाली हाथ लौट जाते हैं।
किसी छात्र को अपना एडमिशन किसी कॉलेज में करवाना होता है या फिर जब किसी छात्र का सरकारी नौकरी में चयन हो जाता है और उसे विभाग के सभक्ष अपना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना होता है तो उसे सामान्यतः आय, जाति, निवास आदि प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। इन प्रमाण पत्रों के बिना न तो उसका कॉलेज में एडमिशन हो सकता है और न ही उसे नौकरी मिल सकती है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इन प्रमाण पत्रों की जरूरत केवल छात्रों को ही है। इसकी जरूरत सभी गरीब, निराश्रित, असहाय, अपेक्षित, निर्बल लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में भी होती है। परन्तु कुछ महीनों से आय दिन सैकड़ों फरियादी जरूरी प्रमाण पत्र बनवाने तहसील आते पर लेखपालों के हड़ताल पर होने की वजह से खाली हाथ लौट जाते हैं।