जुलाई का बिल होगा कम
श्रीकांत शर्मा द्वारा एमडी यूपीपीसीएल को दिये निर्देशों के मुताबिक उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी पर जो भी ब्याज की राशि दी जानी हो, उसे देने के लिए आवश्यक कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए। जानकारी के मुताबिक जुलाई महीने के बिल में बिजली उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी का ब्याज घटाकर धनराशि जमा करनी होगी। यह धनराशि कम करके ही बिजली उपभोक्ताओं का जुलाई का बिल जारी होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
अप्रैल में ही मिलना था ब्याज
दरअसल उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज को वापस दिलाने का जनहित प्रस्ताव सौंपा था। साथ ही ब्याज की राशि उपभोक्ताओं दिलाने की मांग की। अवधेश वर्मा ने मंत्री को जानकारी दी कि ब्याज की राशि का भुगतान अप्रैल महीने में ही किया जाना चाहिए था, जो अब तक नहीं किया गया। अब जून महीना चल रहा है। जिसके बाद ऊर्जा मंत्री ने राज्य के उपभोक्ताओं के साथ अन्याय न होने का आश्वासन दिया।
वापस होगी इतनी धनराशि
उपभोक्ता परिषद् ने विद्युत उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि सभी लोग यह जरूर देख लें कि जुलाई के बिल में उनकी जमा सिक्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज की धनराशि का जिक्र है या नहीं। अगर किसी उपभोक्ता का कनेक्शन एक किलोवाट का है तो उसकी जमा सिक्योरिटी राशि 300 रुपये प्रति किलोवाट है। बैंक दर के लिहाज से ऐसे उपभोक्ता को करीब 19.50 रुपये ब्याज मिलेगा। प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं की कुल जमा सिक्योरिटी राशि करीब 3678 करोड़ रुपये है जिस पर करीब 232 करोड़ रुपये ब्याज बनता है। जो बिजली विभाग को उपभोक्ताओं को वापस करना है।
क्यों नहीं दिया गया ब्याज
उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग ने राज्य के विद्युक उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी राशि पर बिजली कंपनियों द्वारा अप्रैल महीने में ब्याज का भुगतान नहीं करने के मामले में यूपीसीएल के साथ ही सभी बिजली कंपनियों से रिपोर्ट भी तलब किया है। उ.प्र. विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह के निर्देश पर आयोग के सचिव ने बिजली कंपनियों से यह रिपोर्ट देने को कहा है।