लखनऊ। राजधानी वासियों के लिए एक और अच्छी खबर है। लखनऊ में अब बिना पटरी के ट्रैकलेस ट्रेनज् यानी बिना पटरी की ट्रैन दौड़ती नजर आएगी। पर्यावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जा रही है। इसकी विस्तृत जानकारी कमिश्नर दफ्तर के सभागार में मंगलवार को सलाहकार एजेंसी इनोवेस्ट एडवाइजरी ने दी। इनोवेस्ट एडवाइजरी के उपाध्यक्ष नितिन मिश्र ने बताया कि ट्रेन बैटरी से चलेगी। ट्रेन को टीले वाली मस्जिद से बड़ा इमामबाड़ा या लामार्टीनियर से चिडिय़ाघर होते हुए अंबेडकर पार्क, लोहिया पार्क की ओर चलाने पर विचार-विमर्श हुआ। इस ट्रैन में दो से नौ डिब्बों तक का विकल्प है। ट्रैन को रात या सुबह चलाने की योजना है।
अधिकारी बताते हैं कि इसकी चौढ़ाई ढाई मीटर और वैगन की लंबाई छह मीटर होती है। इससे यातायात पर भी कोई प्रभाव नहीं होता है। एक वैगन में नौ लोग तक बैठ सकते हैं। कई यूरोपीय देशों में पर्यावरण संरक्षण के लिए इस तरह इस तरह की ट्रैनें चलाई जा रही हैं। यह ऊपर से एक ट्रैन की तरह दिखती है, लेकिन अंदर से यह एक कार होती है।
ट्रैन के यात्रियों की पहचान के लिए उन्हें टिकट के साथ कलाई पर पहनने वाला आरएफआईडी बैंड दिया जाएगा। ट्रैन में लगे स्कैनर इस बैंड से यात्रियों को पहचान लेंगे।वहीं आगरा में इस टै्रन को शिल्पग्राम से ताजमहल और ईस्ट गेट से ताज महल तक चलाने का विचार किया जा रहा है। इसको चलाने कली मंजूरी का इंतजार है।